जयराम रमेश ने कहा– चार नाम मांगे, चार दिए... फिर भी थरूर का नाम कैसे जुड़ा?

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर विदेशों में भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए सरकार द्वारा गठित सांसदों के प्रतिनिधिमंडल पर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को सरकार पर बेईमानी का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी अपने द्वारा सुझाए गए सांसदों के नामों में कोई बदलाव नहीं करेगी। उन्होंने यह बयान उस समय दिया, जब सरकार ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर लिया, जो विभिन्न देशों में जाकर 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर भारत का पक्ष रखेगा। रमेश ने साफ कहा कि कांग्रेस ने थरूर का नाम नहीं भेजा था, और सरकार का यह कदम अनैतिक है।


जयराम रमेश ने प्रेस को बताया कि सरकार ने कांग्रेस से चार नाम मांगे थे और पार्टी ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, राजा वारिंग और नसीर हुसैन के नाम भेजे थे। लेकिन पीआईबी की प्रेस विज्ञप्ति में शशि थरूर का नाम देखकर कांग्रेस हैरान रह गई। “चार नाम मांगे, चार दिए, लेकिन बाद में सूची में एक और नाम जोड़ा गया। यह सरकार की ओर से बेईमानी है। हम अपने नामों में कोई बदलाव नहीं करेंगे,” – जयराम रमेश उन्होंने यह भी कहा कि यह संभव है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बाद में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत की हो, लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह गंभीर राजनीतिक असावधानी है।

रमेश ने कहा कि कांग्रेस द्वारा जो सूची रिजिजू को सौंपी गई, उसमें शशि थरूर का नाम नहीं था, फिर भी उन्हें शामिल किया गया और थरूर ने सरकार का प्रस्ताव स्वीकार भी कर लिया। इससे कांग्रेस के भीतर भ्रम और नाराजगी का माहौल बन गया है। कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठकें महज औपचारिकता बनकर रह गई हैं। उन्होंने कहा कि न तो प्रधानमंत्री ने इन बैठकों में भाग लिया, और न ही संसद के विशेष सत्र की मांग का जवाब दिया गया। रमेश ने कहा,  “हम 22 अप्रैल से कह रहे हैं कि एक गंभीर सर्वदलीय बैठक और संसद सत्र बुलाया जाए। 1994 के सर्वसम्मत प्रस्ताव को दोहराया जाए, लेकिन सरकार केवल फोटो-ऑप तक सीमित है ।

रमेश ने कहा कि 1971 के बांग्लादेश युद्ध से पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जय प्रकाश नारायण जैसे विपक्षी नेताओं को अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इंदिरा जी खुद अमेरिका और यूरोप गईं और अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन से साफ कहा था कि भारत वही करेगा जो "राष्ट्रीय हित" में होगा। जयराम रमेश ने केंद सरकार से सवाल किया कि क्या सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाएगी?,   क्या 1994 का पाकिस्तान विरोधी प्रस्ताव दोहराया जाएगा? और प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक से क्यों बच रहे हैं?

For all the political updates download our Molitics App : Click here to Download
Article