
मोदी सरकार ने बनाया ऑपरेशन सिंदूर प्रतिनिधिमंडल, शशि थरूर समेत सात सांसद शामिल
भारत की आतंकवाद के खिलाफ जारी जंग में ऑपरेशन सिंदूर एक बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम साबित हुआ है। इस ऑपरेशन की सफलता और इसके रणनीतिक महत्व को लेकर भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने इस अभियान के संदर्भ में अपनी विदेश नीति को और मजबूत करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेगा। इसका उद्देश्य भारत की बात को विश्व मंच पर प्रभावी ढंग से पहुंचाना और पाकिस्तान की आतंकवाद को सहारा देने वाली नीतियों का खुलासा करना है।
इस प्रतिनिधिमंडल में कुल सात सांसद शामिल हैं, जिनमें से सबसे खास नाम तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का है। शशि थरूर को उनकी कूटनीतिक समझ और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी संवाद के लिए जाना जाता है, जिससे भारत की आवाज़ विश्व स्तर पर मजबूती से सुनाई दे सकेगी। इसके अलावा, इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, जेडीयू के सांसद संजय झा, भाजपा के बैजयंत पांडा, डीएमके की सांसद कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे भी शामिल हैं। यह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल है, जो दिखाता है कि भारत की इस रणनीति को लेकर सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं।
यह प्रतिनिधिमंडल अपनी यात्रा के दौरान उन देशों के साथ संवाद स्थापित करेगा, जहां आतंकवाद के विरुद्ध संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है। यह सांसद भारत के ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी साझा करेंगे और समझाएंगे कि कैसे भारत को पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवाद का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही वे यह भी स्पष्ट करेंगे कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे सैन्य अभियान सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई हैं, जिसका मकसद केवल आतंकवादी समूहों को समाप्त करना और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
भारत इस मिशन के जरिए वैश्विक समुदाय को यह संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पाकिस्तान की भूमिका को बेनकाब करने के लिए हर संभव कूटनीतिक प्रयास कर रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा से उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत होगी और वैश्विक साझेदार इस गंभीर समस्या को समझते हुए आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई में सहयोग करेंगे। इस पहल से मोदी सरकार की विदेश नीति में भी एक नया आयाम जुड़ता है, जो न केवल आतंकवाद के मुद्दे को वैश्विक मंच पर प्रमुखता देने का काम करेगा, बल्कि भारत की छवि को एक जिम्मेदार और प्रभावशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।
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