कांग्रेस के 140वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे हमले किए और आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनने का काम कर रही है। दिल्ली के इंदिरा भवन में आयोजित ध्वजारोहण समारोह के दौरान पार्टी नेताओं और कर्मियों को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया और जनहित-केंद्रित योजनाओं को धीमा या खत्म कर दिया है।
उन्होंने कांग्रेस द्वारा शुरू की गई कई अधिकार-आधारित योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि आज वही ढांचे खतरे में हैं। इस अवसर पर राहुल गांधी, सोनिया गांधी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे और उठाए गए मुद्दों पर कांग्रेस ने एकजुटता दिखाई।
स्थापना दिवस पर मल्लिकार्जुन खरगे का केंद्र सरकार पर हमला
कांग्रेस की स्थापना दिवस की मुख्य बातों में से एक थी मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर आरोप कि वह लोगों के अधिकारों को धीरे-धीरे कम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा कांग्रेस की प्राथमिकता रही है, लेकिन वर्तमान सरकार संवैधानिक संस्थाओं, जनहित योजनाओं और नागरिक स्वतंत्रता के मूल स्तंभों को कमजोर कर रही है।
खरगे ने खासकर ये दावा किया कि सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE), खाद्य सुरक्षा और मनरेगा जैसी योजनाएं कांग्रेस शासन में लागू की गईं, जिनका उद्देश्य आम आदमी के अधिकारों को मजबूत करना था।
उन्होंने कहा कि आज एक ऐसे राजनीतिक माहौल का सामना करना पड़ रहा है जहां “संविधान और लोकतंत्र खतरे में” हैं, और इसीलिए कांग्रेस को अपनी विरासत और मूल्यों की रक्षा के लिए और अधिक सक्रिय होना चाहिए। इसी क्रम में खरगे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जनता के अधिकारों के समर्थन में आवाज उठाते रहें।
कांग्रेस की विरासत और मोदी सरकार की नीतियों की तुलना
स्थापना दिवस के समारोह में मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में कांग्रेस की ऐतिहासिक भूमिका की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है, बल्कि यह भारत की आत्मा की आवाज है जिसने देश में सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया है। उन्होंने पार्टी की सदियों पुरानी परंपरा और आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के योगदान को याद कराते हुए कहा कि देश की आज़ादी के संघर्ष में लाखों कांग्रेसियों ने भाग लिया।
इसके विपरीत, खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस नेतृत्व वर्तमान में समाज में विभाजन, नफरत और असहिष्णुता को बढ़ावा दे रहा है, जो कांग्रेस की मूल भावना के उलट है। उन्होंने भाजपा और आरएसएस की नीतियों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य सामाजिक सद्भाव और देश के नागरिकों के अधिकारों को कमजोर करना है।
यह भी कहा गया कि कांग्रेस ने हमेशा जनहित योजनाओं के माध्यम से गरीब और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाया और समान अवसरों की दिशा में काम किया। जबकि वर्तमान सरकार की नीतियों का फायदा केवल कुछ समूहों तक सीमित रह गया है।
विपक्ष की एकता और आगामी राजनीतिक लड़ाई
140वें स्थापना दिवस पर मल्लिकार्जुन खरगे के बयान ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस आगामी चुनावों और राजनीतिक गतिरोधों में अपनी पहचान को पुनः स्थापित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में न हो सकती है, लेकिन उसकी रीढ़ अभी भी सीधी है और वह अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगी। इस हिस्से में उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने का संदेश दिया।
राहुल गांधी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी पार्टी की नीतियों और मूल्यों का समर्थन किया, और कहा कि कांग्रेस “भारत की आत्मा की आवाज” बनी रहेगी। यह संदेश स्पष्ट करता है कि कांग्रेस आगामी समय में नागरिक अधिकारों, समानता, और लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर मोदी सरकार के कदमों के खिलाफ राजनीति जारी रखेगी।
वहीं, भाजपा की तरफ़ से भी कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी की गई, जिसमें कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व और उसके नीतिगत दृष्टिकोण को निशाना बनाया गया है। भाजपा ने कांग्रेस को 'गलत नेतृत्व' और 'भटकाव' के आरोपों के साथ जवाब दिया, जिससे यह राजनीतिक टकराव और भी तेज़ हो गया है।