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कुलदीप सेंगर की रिहाई के विरोध पर पुलिस ने किया डिटेन

 29 Dec 2025

दिल्ली में उन्नाव रेप केस मामले की पीड़िता के समर्थन में हुए प्रदर्शन ने एक बार फिर सत्ता और न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। देश की राजधानी में कई दिनों से प्रदर्शन तेज हो गए हैं आज जंतर-मंतर से लेकर राजघाट तक उन्नाव रेप के दोषी कुलदीप सेंगर की रिहाई के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया गया। सुबह 11 बजे से लोगों ने राजघाट और जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू कर दिया। राजघाट में हुए प्रदर्शन में 45 से 50 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया जिसमें 17 महिलाएं थीं।

भारत जोड़ो अभियान’ दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष नवनीत का कहना है कि केंद्र को उन्होंने 48 घंटे पहले ही इंटिवेशन लेटर देकर अनुमति मांग ली थी। लेकिन प्रदर्शन के 1 घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को BNS(भारतीय न्याय संहिता) की धारा 163 का उल्लंघन बताते हुए डिटेन कर लिया और दरियागंग थाने ले गए। जिसमें महिलाएँ भी शामिल थीं। दिनभर थाने में रखने के बाद शाम 5 बजे प्रदर्शनकारियों को इस वादे के साथ रिहा किया गया कि “अब कोई प्रदर्शन नहीं करेगा।”

'भारत जोड़ो अभियान' की सचिव सीमा देवी कहती हैं-


'भारत जोड़ो अभियान’ की सचिव सीमा देवी भारतीय न्याय व्यवस्था से नाखुश होते हुए कहती हैं कि “आज हम कुलदीप सेंगर की रिहाई के विरोध में राजघाट पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे। आखिर हम माँग ही क्या रहे हैं- बहू-बेटियों की इज़्ज़त की गारंटी, उनकी सुरक्षा। आज हालात ये हो गयी है कि महिलाएं घरों से निकलने में डरने लगी हैं। ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ के नारे ऐसे में ढोंग लगते हैं। अगर सरकार हमारी आवाज़ नहीं सुनेगी तो भारत में महिला सुरक्षा के अधिकारों को लेकर हम आगे तक अपनी आवाज़ लेकर जायेंगे पर रुकेंगे नहीं। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हम बार-बार प्रदर्शन करेंगे।”

क्यों किया डिटेन


प्रदर्शनकारी नवनीत तिवारी का कहना है कि “वर्तमान समय में हमारी न्याय व्यवस्था और सरकार के कुछ निर्णय आम नागरिकों के मन में गहरी चिंता और असंतोष पैदा कर रहे हैं। एक ओर कुलदीप सेंगर जैसे गंभीर दोषी व्यक्तियों को बेल मिल जाती है वहीं दूसरी ओर सोनम वांगचुक जैसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, शिक्षाविद् और उमर खालिद जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया जा रहा है। जो शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से जनहित के मुद्दे उठाते हैं। जो जनता के हित में न्याय की बात उठाते हैं।

पुलिस द्वारा धारा 163 का उल्लंघन बताते हुए डिटेन कर लिए जाने पर वह कहते हैं “यह रवैया अपने आप में अभिव्यक्ति की आजादी का क़त्ल मालूम पड़ता है। सरकार को यह बात भूलनी नहीं चाहिए कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध ही लोकतंत्र का वॉल्व है।”

'भारत जोड़ो अभियान' की महिला अध्यक्ष पूजा शर्मा ने बताया


बुराड़ी विधानसभा से 'भारत जोड़ो अभियान' की महिला अध्यक्ष पूजा शर्मा सरकार से असंतोष जताते हुए कहती हैं कि “कुलदीप सेंगर ने जो अपराध किया है उसके लिए उसको बेल नहीं फांसी मिलनी चाहिए, लेकिन वो बीजेपी के नेता हैं इसलिए सरकार उनको बचा रही है। भारत में बलात्कार पीड़ितों के लिए न्याय की प्रक्रिया इतनी दुर्लभ है कि सालों लग जाते हैं और उसके बाद भी दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को खुलेआम छोड़ दिया जाता है। यह हम सब महिलाओं का अपमान है।”

मामले पर एडवोकेट रविन्द्र कुमार वर्मा

‎एडवोकेट रविन्द्र कुमार वर्मा ने कहा कि कुलदीप सेंगर की रिहाई के विरोध प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस ने कार्यकर्ताओं को डिटेन किया जो कानून के समक्ष समानता के सिद्धांत पर प्रश्नचिह्न लगाती है। जब हिंसक और जघन्य अपराधों से जुड़े लोगों को राहत मिलती है और समाज के लिए सकारात्मक कार्य करने वालों को दंडित किया जाता है, तो जनता का न्याय व्यवस्था से विश्वास डगमगाता है। लोकतंत्र में असहमति, संवाद और शांतिपूर्ण आंदोलन को अपराध नहीं माना जा सकता।”

जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन

kuldeep singh

 

JNUSU की प्रेसिडेंट कॉमरेड अदिति और JNUSU के जॉइंट सेक्रेटरी कॉमरेड दानिश, JNU के स्टूडेंट्स के साथ, उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर (पूर्व BJP विधायक) की रिहाई के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। यह विरोध प्रदर्शन दिल्ली की महिलाओं ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए किया था।

JNUSU की प्रेसिडेंट कॉमरेड अदिति ने कहा कि “मोदी-योगी सरकार बलात्कारियों को बचाने पर तुली हुई है।” उन्होंने कहा कि हम बार-बार वही पैटर्न देख रहे हैं - “हाथरस से लेकर उन्नाव तक बलात्कारियों को माला पहनाई जा रही है और उन्हें बचाया जा रहा है, जबकि न्याय मांगने वाली महिला पीड़ितों को मारा जा रहा है, धमकाया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है।” अदिति ने मांग की कि “कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई ज़मानत तुरंत रद्द की जाए और उन्नाव रेप केस की पीड़िता को कानून द्वारा सुरक्षा दी जाए।”


कई संगठन आए पीड़िता के समर्थन में साथ


JNUSU के जॉइंट सेक्रेटरी कॉमरेड दानिश ने बताया कि “इस देश में रेप पीड़ितों को न्याय के लिए लगातार लड़ना पड़ता है। उन्होंने सवाल किया कि "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" नारे का क्या हुआ, और ज़ोर देकर कहा कि यह सरकार महिलाओं के लिए एक भी सुरक्षित जगह सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। उन्होंने बताया कि उन्नाव रेप केस की पीड़िता कुलदीप सिंह सेंगर को ज़मानत मिलने के फैसले के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रही है, लेकिन उसे इंडिया गेट और संसद भवन के बाहर हिरासत में लिया गया।

उन्होंने आगे कहा कि ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट साक्षी मलिक के साथ भी ऐसा ही बर्ताव किया गया जब उन्होंने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था। वह मांग करते हैं कुलदीप सिंह सेंगर की ज़मानत तुरंत रद्द की जाए।”प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि “पीड़िता को कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत के विरोध में प्रदर्शन करने के दौरान इंडिया गेट से हिरासत में लिया गया। उनकी साफ मांग है कि जमानत को रद्द किया जाए और पीड़िता को इंसाफ मिले।”

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