Article

असम के कार्बी आंगलोंग में विरोध प्रदर्शन: दहशत में बाहरी लोग

 26 Dec 2025

कार्बी आंगलोंग विरोध प्रदर्शन असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के खेरोनी के पास डोंगकामकम में हुई। 22-23 दिसंबर को यहां स्थानीय कार्बी आदिवासी और 'बाहरी' लोगों के बीच हुई हिंसा में 2 लोगों की मौत हो गई। 60 पुलिसकर्मियों समेत 150 से ज्यादा घायल हैं। जिसमें एक दिव्यांग सूरज डे को भीड़ ने जिंदा जला दिया। असम में यह विरोध प्रदर्शन पीजीआर और वीजीआर भूमि से ‘अतिक्रमणकारियों’ को बेदखल करने की लंबे समय से चली आ रही मांग से उपजा है। घटना के बाद, पश्चिम कार्बी आंगलोंग और कार्बी आंगलोंग जिलों में बीएनएसएफ, 2023 की धारा 163 के तहत तत्काल प्रभाव से असम पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स, सीआरपीएफ के करीब 700 जवान व कमांडोज और सेना की एक टुकड़ी तैनात की गई है।

कार्बी आंगलोंग झड़प की वजह


कार्बी आंगलोंग भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत गठित एक स्वायत्त क्षेत्र है। यहां की जमीन कार्बी आदिवासियों के लिए आरक्षित है। कार्बी जनजाति के संगठनों का दावा है कि अब इलाके में कार्बी लोगों की आबादी घटती जा रही है। खेरोनी जैसे बाजारों में व्यापार में भी हिंदी भाषी लोगों का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। जिसमें अधिकांश बिहार और नेपाल से हैं। पिछले साल फरवरी 2024 में केएएसी ने बाहरी लोगों के खिलाफ़ बेदखली के नोटिस जारी किए थे, लेकिन गुवहाटी उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका ने अदालत की अवमानना की आशंकाओं का हवाला देते हुए प्रक्रिया को रोक दिया है। 

भूख हड़ताल से हिंसा तक


पिछले 15 दिनों से कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन के प्रतिनिधित्वकर्ता अवैध रूप से कब्जा किए गए लोगों को बेदखल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे। किंतु सोमवार को यह हड़ताल हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया। जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। स्थिति तब बिगड़ने लगी जब प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलिराम रोंगहांग के आवास सहित खेरोनी बाजार में क़रीब 15 दुकानों को जला दिया। देखते ही देखते स्थिति जब बिगड़ने लगी तब पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया। आंसू गैस के गोले भी दागे गए। जिसमें 60 पुलिसकर्मियों समेत 150 से ज्यादा घायल हैं। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है जिसके चलते इलाके में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। साथ ही इलाके में इंटरनेट सेवाएं भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है।

कार्बी आंगलोंग विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों की मांग


प्रदर्शनकारियों की मांग है कि कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग में व्यवसायिक चराई आरक्षित और ग्राम चराई आरक्षित भूमि से ‘अतिक्रमणकारियों’ को वहाँ से हटाया जाए। जिले की 7184 बीघा से अधिक संरक्षित जमीन पर बाहरियों का कब्जा हो चुका है। यह एक बड़ा चारागाह है, जिस पर अब बिहार, यूपी और नेपाल मूल के परिवार रह रहे हैं। जिसे वह उनके विरासत पर हमला बता रहे हैं।

कार्बी आंगलोंग विरोध प्रदर्शन पर असम के मुख्यमंत्री का बयान


स्थिति पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कार्बी आंगलोंग विरोध प्रदर्शन में पीड़ित परिवारों के साथ संवेदना ज़ाहिर की है। हिंसा के बाद सरमा ने यह साफ किया है कि “यह सब गलत अफवाह की वजह से हुआ। जिसमें यह बात फैल गयी थी कि भूख हड़ताल कर रहे तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसके वजह से लोग उत्तेजित हो गए। किसी को भी गिरफ़्तार नहीं किया गया है प्रदर्शनकारियों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए गुवहाटी ले जाया गया। वरिष्ठ शिक्षा मंत्री रानोज पेगू जिले में मौजूद हैं। मुझे विश्वाश है मामला जल्द ही सुलझ जाएगा।”

Read This Also:- “अमृत ​​मंडल बांग्लादेश” हत्या : हिंदू युवक की भीड़ हत्या से उठ रहे सवाल।