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दिल्ली एयर पॉल्यूशन और दिल्ली एयर क्वालिटी संकट: AQI बेहद खराब से गंभीर

 22 Dec 2025

दिल्ली वायु प्रदूषणऔर दिल्ली एयर क्वालिटी को लेकर राजधानी इन दिनों एक गंभीर स्वास्थ्य संकट से गुजर रही है। दिसंबर 2025 में तापमान गिरने, हवा की गति धीमी होने और धुंध-कोहरे की स्थिति से मिलकर वह परिस्थितियाँ बन गई हैं, जिनसे राजधानी का Air Quality Index (AQI) लगातार ‘बेहद खराब’ और कई इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राजधानी के कई हिस्सों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है, जबकि कुछ हिस्सों में यह 400 पार भी कर चुका है, जिससे स्वास्थ्य के लिए अलार्म की घंटी बज चुकी है।


दिल्ली एयर पॉल्यूशन और दिल्ली एयर क्वालिटी: क्या है स्थिति?


दिल्ली में Delhi air pollution and Delhi air quality की स्थिति इस सर्दियों में बेहद चिंताजनक बनी हुई है। CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में कुछ इलाकों का AQI ‘बहुत खराब’ से आगे बढ़कर ‘गंभीर’ (401-500) तक पहुंच चुका है, जहाँ सांस लेना और सामान्य गतिविधियाँ करना भी मुश्किल हो गया है। उदाहरण के लिए, आज कई निगरानी स्टेशनों पर AQI 430-440 के आसपास रहा, विशेषकर नरेला, आनंद विहार और अक्षरधाम जैसे क्षेत्रों में, जहाँ हवा अत्यधिक जहरीली दर्ज हुई।

तापमान गिरने और हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण कण (PM2.5 और PM10) लंबे समय तक जमीन के पास बने रहते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। कई स्थानों पर धुएँ और कोहरे का मिश्रण दृश्य रूप से भी दिखाई दे रहा है, जिससे दृश्यता कम और स्वास्थ्य पर प्रभाव बढ़ रहा है।

विश्लेषण बताते हैं कि हाल की रिपोर्टों में 30-40 से अधिक स्थानों ने AQI ‘गंभीर’ स्तर पर दर्ज किया है, और कई क्षेत्रों में यह 400 से ऊपर ट्रेंड कर रहा है। यह स्तर हवा को न केवल श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालने वाला बनाता है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी श्वसन समस्याओं वाले लोगों के लिए खास तौर पर खतरनाक है।

राजधानी में बिगड़ती हवा: मुख्य कारण और प्रभाव


दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण कोई अचानक समस्या नहीं है, बल्कि यह कई कारकों का संयोजन है। सर्दियों में Delhi air pollution and Delhi air quality में गिरावट का मुख्य कारण है मौसम की स्थिति, हवा की गति में कमी, और कोहरे का गहरा होना। इन परिस्थितियों में प्रदूषक कण बाहरी वातावरण में फैल नहीं पाते और लंबे समय तक एक ही क्षेत्र में बने रहते हैं।

प्रदूषण के अन्य महत्वपूर्ण कारणों में शामिल हैं:

वाहन उत्सर्जन: दिल्ली में बढ़ता ट्रैफिक और पुराने वाहन बाहर निकलने से PM2.5 और NOx जैसे प्रदूषक बड़े स्तर पर उत्सर्जित होते हैं।

निर्माण धूल: निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल भी AQI को प्रभावित करती है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के किनारे फसलों की पराली जलाना: खासकर पंजाब और हरियाणा से आता धुएँ का प्रभाव दिल्ली की हवा में मिलकर स्थिति और बिगाड़ देता है।

ठंडी और शांत हवा: कम तापमान और शांत हवा प्रदूषण कणों को फैलने नहीं देती और स्थानीय स्तर पर वायु गुणवत्ता खराब रहती है।

यह मिश्रण Delhi air pollution and Delhi air quality को इस मौसम में रिकॉर्ड स्तर तक बिगाड़ रहा है। इन वजहों से दिल्लीवासियों को धुंध और हैज़ी हालात का सामना करना पड़ रहा है, और इन हालात ने स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को उत्पन्न कर दिया है, जैसे खांसी, आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाइयाँ।

सरकारी उपाय, चेतावनी और भविष्य की राह


दिल्ली और NCR में Delhi air pollution and Delhi air quality की खराब स्थिति के कारण सरकार और प्रशासन ने कई उपाय लागू किए हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने Graded Response Action Plan (GRAP) के तहत कड़ी पाबंदियाँ लागू की हैं जैसे:

  • उच्च प्रदूषण स्तर पर निर्माण कार्यों पर रोक

  • भारी वाहनों का बाहर निकलने पर प्रतिबंध

  • सड़कों पर धूल नियंत्रण

  • कुछ दिनों में स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षा की ओर निर्देश

  • रात में वाहनों के प्रवेश पर नियंत्रण आदि।

हालांकि इन उपायों के बावजूद मौसम और प्रदूषण को नियंत्रित करना एक चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि केवल प्रशासनिक कदम पर्याप्त नहीं हैं; हर नागरिक की भागीदारी भी आवश्यक है। व्यक्तिगत स्तर पर लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग, व्यक्तिगत वाहनों का कम इस्तेमाल, और घर के आस-पास हरियाली बढ़ाने जैसे उपाय अपनाकर मदद कर सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि यदि AQI लगातार ‘गंभीर’ स्तर पर बना रहता है, तो इससे फेफड़ों और हृदय के रोगों का खतरा बढ़ सकता है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। इसलिए लोगों को मास्क पहनने, बाहरी गतिविधियों को सीमित रखने और डॉक्टर की सलाह लेने की सलाह दी जा रही है।