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ट्रंप की चुनौती और पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर की रणनीति
18 Dec 2025
अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान की सेना नेतृत्व
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर इस समय अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक चुनौतियों के केंद्र में आ गए हैं। पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान पर गाजा संकट को लेकर कथित रूप से सैनिक भेजने के दबाव की खबरों का सामना करना पड़ रहा है। Trump on Gaza crisis को लेकर सामने आए बयानों और चर्चाओं ने इस्लामाबाद की रणनीतिक स्थिति को और जटिल बना दिया है। यह मुद्दा न केवल पाकिस्तान की विदेश नीति से जुड़ा है, बल्कि उसकी आंतरिक राजनीति और सेना की भूमिका पर भी सवाल खड़े करता है।
गाजा संघर्ष और वैश्विक ध्रुवीकरण
गाजा में जारी संघर्ष ने पूरी दुनिया को दो ध्रुवों में बांट दिया है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का रुख एक तरफ है, जबकि मुस्लिम देशों में इस मुद्दे को लेकर गहरी संवेदनशीलता है। ऐसे में पाकिस्तान से गाजा में सैन्य भूमिका निभाने की उम्मीद या दबाव, पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर के लिए एक बड़ी कूटनीतिक परीक्षा बन गया है।
सैन्य हस्तक्षेप के जोखिम और आंतरिक चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के लिए किसी भी तरह का सैन्य हस्तक्षेप बेहद जोखिम भरा हो सकता है। देश पहले से ही आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में गाजा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सैनिक भेजना न केवल अंतरराष्ट्रीय विवाद को जन्म दे सकता है, बल्कि घरेलू स्तर पर भी भारी विरोध का कारण बन सकता है—जिसका सीधा असर पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर की रणनीतिक निर्णय क्षमता पर पड़ेगा।
विदेश नीति संतुलन की कठिन परीक्षा
जनरल असीम मुनीर, जो हाल ही में सेना प्रमुख बने हैं, पाकिस्तान की विदेश और सुरक्षा नीति को संतुलित करने की कोशिश में हैं। अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखना पाकिस्तान की मजबूरी है, लेकिन साथ ही वह मुस्लिम देशों और घरेलू जनभावनाओं को भी नजरअंदाज नहीं कर सकता। यही द्वंद्व इस पूरे मामले को और जटिल बना देता है और पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर के सामने कठिन विकल्प खड़े करता है।
ट्रंप के दबाव पर राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप के संभावित दबाव को सीधे स्वीकार करना पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा। पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन के समर्थन की बात करता रहा है और गाजा में हो रही हिंसा की आलोचना भी करता है। ऐसे में वहां सैनिक भेजना उसकी घोषित नीति के विपरीत माना जाएगा।
पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों पर असर
इस पूरे घटनाक्रम का असर पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों पर भी पड़ सकता है। यदि पाकिस्तान अमेरिकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता, तो उसे आर्थिक या कूटनीतिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, यदि वह दबाव में आकर कोई कदम उठाता है, तो इससे उसकी छवि मुस्लिम दुनिया में कमजोर हो सकती है।
असीम मुनीर के सामने रणनीतिक चुनौती
असीम मुनीर के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वह कैसे अमेरिका के साथ संबंधों को संतुलित रखते हुए पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय हितों की रक्षा करें। गाजा मुद्दा सिर्फ एक विदेश नीति का प्रश्न नहीं, बल्कि पाकिस्तान की रणनीतिक दिशा तय करने वाला मोड़ भी साबित हो सकता है।
निष्कर्ष: पाकिस्तान की कूटनीति कठिन मोड़ पर
कुल मिलाकर, ट्रंप की कथित मांग और गाजा संकट ने पाकिस्तान की कूटनीति को कठिन राह पर ला खड़ा किया है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि जनरल असीम मुनीर इस दबाव से कैसे निपटते हैं और पाकिस्तान किस दिशा में आगे बढ़ता है।
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