लोकसभा में विपक्ष के नेता जर्मनी में राहुल गांधी का 15 से 20 दिसंबर 2025 तक 5-दिवसीय दौरा जारी है, जिसे बर्लिन में भारतीय प्रवासी समुदाय और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOC) ने बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया है। उनके आगमन पर IOC कार्यकर्ताओं ने बर्लिन एयरपोर्ट पर उन्हें पुष्प मालाओं के साथ सम्मानित किया, जो यात्रा की माहौल और इस कार्यक्रम के महत्व को दर्शाता है। इस दौरान राहुल गांधी वहां के जर्मन मंत्रियों, प्रवासी भारतीय समुदाय और यूरोप भर के IOC प्रमुखों से मुलाकात करेंगे, जिससे भारत-जर्मनी के आपसी रिश्तों और भारतीय समुदाय की भूमिका पर चर्चा का मार्ग सुगम होगा।
जर्मनी में राहुल गांधी की यात्रा का उद्देश्य और कार्यक्रम
जर्मनी में राहुल गांधी की यह यात्रा सिर्फ औपचारिक दौरा नहीं है, बल्कि इसका मकसद जर्मन राजनीतिक नेतृत्व, प्रवासी भारतीय समुदाय और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सदस्यों से संवाद स्थापित करना है। उनका यह दौरा 15 दिसंबर से शुरू हुआ और 20 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें उन्हें जर्मन मंत्रियों से बैठकें करनी हैं और 17 दिसंबर को बर्लिन में IOC यूरोप के सभी अध्यक्षों के साथ एक बड़ा कार्यक्रम संबोधित करना है।
Indian Overseas Congress UK के महासचिव विक्रम दुहान ने बताया कि इस दौरान राहुल गांधी भारत की वैश्विक भूमिका तथा भारतीय प्रवासियों से जुड़ी चिंताओं और अवसरों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। वहीं IOC ऑस्ट्रिया के अध्यक्ष Ausaf Khan ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य कांग्रेस के विचारों को दुनिया भर के भारतीयों तक पहुंचाना है, जिससे संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ किया जा सके।
राहुल गांधी ने वहां के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर भारत-जर्मनी के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्तों को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारतीय प्रवासियों की समस्याओं को सामने रखने का बीड़ा उठाया है। उनका उद्देश्य यह भी है कि जर्मनी में बसे भारतीय समुदाय भारत के लोकतंत्र, अर्थव्यवस्था और बहुलवादी राजनीतिक संस्कृति को समझें और साझा करें।
राजनीतिक प्रतिक्रिया- भाजपा और कांग्रेस दोनों की प्रतिक्रिया
जर्मनी में राहुल गांधी की यात्रा को लेकर भारत में राजनीतिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएँ भी सामने आई हैं। भाजपा ने इस दौरे की आलोचना करते हुए कहा है कि राहुल गांधी संसद के शीतकालीन सत्र के बीच विदेश जा रहे हैं, जो उनके कर्तव्यों के प्रति समर्पण पर प्रश्न उठाता है। पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने यह भी कहा कि यात्रा से महत्वपूर्ण घरेलू मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने इस दौरे में भारत के लोकतंत्र की गलत छवि पेश कर सकते हैं, जो देश की साख को प्रभावित कर सकता है।
वहीं कांग्रेस और उसके समर्थक नेताओं ने भाजपा के आरोपों का पलटवार किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि विदेश में प्रवासी समुदाय से संवाद स्थापित करना और भारत के वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करना एक जिम्मेदार और महत्वपूर्ण कार्य है। सलमान खुर्शीद जैसे नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह दौरा भारत के हित में सफल रहेगा और इससे देश को लाभ होगा।
कांग्रेस सांसदों का कहना है कि विदेश दौरों के माध्यम से भारतीय राजनीति और समाज से जुड़ी वैश्विक चर्चाओं को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी पहले संसद के कामकाज और नेतृत्व की जिम्मेदारियों को पूरा कर चुके हैं और इसके बाद ही उन्होंने जर्मनी में राहुल गांधी की यात्रा को आगे बढ़ाया।
जर्मनी यात्रा के व्यापक सामाजिक-आर्थिक और कूटनीतिक प्रभाव
जर्मनी में राहुल गांधी की इस यात्रा का प्रभाव न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके सामाजिक-आर्थिक एवं कूटनीतिक पहलू भी गहरे हैं। सबसे पहले, यह दौरा भारतीय लोकतंत्र की बहुलता और उसके वैश्विक दृष्टिकोण को पेश करने वाला एक मंच है, जहाँ प्रवासी भारतीयों के साथ विचारों में सामंजस्य उत्पन्न किया जा सकेगा।
दूसरा, यह दौरा भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। जर्मनी एक प्रमुख यूरोपीय शक्ति है, और भारतीय-जर्मन व्यापारी, शिक्षा तथा तकनीकी सहयोग पिछले कई वर्षों से विकास के क्षेत्र में अग्रसर हैं। ऐसे माहौल में राहुल गांधी के कार्यक्रम और बैठकों से दोनों देशों के बीच सकारात्मक संवाद का मार्ग बन सकता है।
तीसरा, भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद और उनकी समस्याओं को समझना कांग्रेस नेतृत्व के लिए भी महत्वपूर्ण होगा, जो आने वाले समय में राजनीतिक रणनीतियों और नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करेगा। प्रवासी भारतीयों की भागीदारी भारत के वैश्विक मिशनों में अहम भूमिका निभाती है, और इस दौरे से स्पष्ट संकेत मिलता है कि भारतीय राजनीति अब वैश्विक समुदाय पर भी ध्यान दे रही है।