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इंडिगो उड़ान संबंधी समस्याएं: DGCA ने इंडिगो के 4 अफसर हटाए

 12 Dec 2025

इंडिगो उड़ान संबंधी समस्याओं के बीच कंपनी ने सोमवार को अपनी उड़ानें फिर से शुरू करने की घोषणा कर दी है, लेकिन एयरलाइन की मुश्किलें यहीं खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं। अधिकारियों ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत के नागरिक उड्डयन नियामक ने शुक्रवार को इंडिगो के चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। जो एयरलाइन की सुरक्षा और परिचालन अनुपालन की निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं।

DGCA ने लिया एक्शन


DGCA की जांच के दौरान संकटग्रस्त इंडिगो पर कड़ी निगरानी रखने के एक दिन बाद यह कार्रवाई की गई है। जिसके तहत डीजीसीए के अधिकारियों ने परिचालन की निगरानी के लिए एयरलाइन के मुख्यालय में अपनी तैनाती कर दी थी। इंडिगो संकट के चलते इससे पहले इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को एक जांच पैनल के सामने पेश किया गया। उसी दौरान एयरलाइन ने प्रभावित यात्रियों को वाउचर के रूप में 10,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

डीजीसीए के एक आंतरिक आदेश के अनुसार, ऋषि राज, सीमा झमनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक को बर्खास्त किया गया है। जिसके बाद इंडिगो ने कहा कि 3 लाख यात्रियों को लेकर 1,950 उड़ानें संचालित करने की उम्मीद की जा रही है, जबकि कई हवाई अड्डों से अब भी उड़ानों के रद्द होने की इंडिगो एयरलाइन समाचार सामने आ रहे हैं। पीटीआई के मुताबिक गुरुवार को दिल्ली और बेंगलुरू हवाई अड्डों पर 200 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं।

इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन को अपने शीतकालीन कार्यक्रम में 10 प्रतिशत की कटौती करने के निर्देश दिए है। इंडिगो उड़ान संबंधी समस्या से पहले आमतौर पर 2,300 उड़ानें संचालित करती थी।

इस बीच, इंडिगो के सीईओ एल्बर्स को डीजीसीए ने शुक्रवार को दोबारा पेश होने के लिए कहा है, जिससे नियामक संस्था उन कारकों की गहन जांच कर पाए। जिसके चलते बड़े पैमाने पर यात्रियों को परेशानी हुई और इसके परिणामस्वरूप सैकड़ों उड़ानें रद्द हुई थी।

इंडिगो संकट के दौरान अधिकारी ने क्या कहा?


इंडिगो उड़ान संबंधी समस्या के दौरान मीडिया से बात करते हुए एक अधिकारी ने बताया, " उड़ानों को मंजूरी देने से पहले डीजीसीए को पायलटों की संख्या बढ़ाने और एयरलाइंस की क्षमता की जांच करना अनिवार्य करना चाहिए।जिससे शेड्यूल की अखंडता बनी रहे।वहीं नियामक के निरीक्षक एयरलाइंस की तैयारियों की ऑडिट कर रहे हैं, जिसमें देखा जा रहा है कि क्या वह पायलटों के लिए नए विश्राम नियम को लागू करने के लिए तैयार है।"

दरअसल, एयर इंडिया दुर्घटना के बाद नायडू एयरलाइंस के साथ मासिक बैठक कर रहे हैं। एक अन्य अधिकारी ने मीडिया से बात कर बताया कि "यह आश्चर्यजनक है कि सबसे बड़ी एयरलाइन के पास पर्याप्त संख्या में पायलट न होने के बावजूद नए नियम को लागू करने जैसे गंभीर मुद्दों पर मंत्री जी का ध्यान ही नहीं गया।"

वहीं  इंडिगो उड़ान संबंधी समस्या को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, सीजीएसटी के अतिरिक्त आयुक्त ने इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड पर 58.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, लेकिन कंपनी ने इसे 'गलत' बताया। एक नियामक फाइलिंग में कंपनी ने कहा " उसका मानना ​​है कि बाहरी कर सलाहकारों की सलाह के आधार पर उसका मामला मजबूत करता है।"

इससे पहले भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडिगो संकट पर सरकार को फटकार लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट की टिप्पणी पर ASG चेतन शर्मा ने जरूरी डॉक्यूमेंट्स का जिक्र करते हुए कहा कि कानूनी सिस्टम पूरी तरह तैयार है। शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि केंद्र लंबे समय से FDTL को लागू करने का लक्ष्य बना रहा था, लेकिन एयरलाइन से पहले ही सिंगल जज के सामने जुलाई और सितंबर के महीने के दौरान एक्सटेंशन मांगा था। ASG ने कहा यह पहली बार है जब मिनिस्ट्री ने मामले में दखल दिया है। हमने किराए की लिमिट तय कर दी है, यह लिमिट अपने आप में ही एक लिमिट एक्शन है।

हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आज कोर्ट ने सिर्फ चिंता व्यक्त की थी और कहा मकसद सिस्टम को सुधारना है। किसी को दंडित करना नहीं है, लेकिन यात्रियों को मुआवजा देना ही होगा। कोर्ट ने डीजीसीए, सरकार और इंडिगो से कहा कि वे पक्का करें कि जो यात्री अलग-अलग स्थान पर फंसे हैं उन्हें समय पर मुआवजा जरूर मिले।

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