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नवजोत कौर: 500 करोड़ बयान से सियासी भूचाल

 08 Dec 2025

नवजोत कौर: 500 करोड़ वाले बयान से कांग्रेस में भूचाल, पंजाब राजनीति सुर्खियों में


पंजाब की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है, जब कांग्रेस नेता नवजोत कौर ने दावा किया कि मुख्यमंत्री (CM) की कुर्सी पाने के लिए 500 करोड़ रुपये की अटैची चाहिए होती है। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में लहर पैदा कर दी है।

कौर ने मीडिया से बातचीत में यह कहा कि उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू तभी सक्रिय राजनीति में लौटेंगे, जब उन्हें कांग्रेस का आधिकारिक CM चेहरा बनाया जाएगा। लेकिन, उन्होंने साफ किया कि उनके पास 500 करोड़ रुपये नहीं हैं — और उन्होंने यह आरोप लगाया कि कांग्रेस में वही नेता मुख्यमंत्री बनते हैं, जो इतनी बड़ी राशि दे सकें।

उनके इस बयान के तुरंत बाद ही पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह की खबरें आईं। पार्टी के अंदरूनी असंतोष, नेता-सैनिकों की महत्वाकांक्षाएं, और अध्यक्षीय दावेदारी — सब चर्चा में आ गए। कांग्रेस के लिए यह समय नए चुनौतियों का हो गया है।

BJP व AAP ने किया निशाना, आरोप लगाया ‘‘धन-राजनीति’’ का खुला सच


नवजोत कौर का बयान आते ही विपक्षी दलों — खासकर Bharatiya Janata Party (BJP) और Aam Aadmi Party (AAP) — ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। BJP नेताओं ने इस बयान को कांग्रेस में “institutionalised corruption” और “money-bag politics” का खुला सबूत बताया।

BJP प्रवक्ताओं ने कहा कि यदि यह सच है कि 500 करोड़ की अटैची से सीएम बनना है, तो यह न सिर्फ कांग्रेस की नैतिकता पर सवाल है, बल्कि भारतीय राजनीति की सांस्थानिक गिरावट का प्रतीक है। AAP ने भी इस आरोप का सहारा लिया — पार्टी नेताओं ने पूछा कि यदि ऐसी व्यवस्था है, तो किसे पैसा दिया जाता है और किसे मिलता है? साथ ही, उन्होंने मांग की कि कांग्रेस इस खुलासे का स्पष्ट जवाब दे।

सफाई, गुटबाज़ी और पार्टी संकट — क्या बदल पाएगी कांग्रेस की राह?


बयान के बाद जब विवाद तेज हुआ, नवजोत कौर ने सफाई दी कि उनका बयान “तोड़ा-मरोड़ा” कर पेश किया गया। उन्होंने X (पूर्व Twitter) पर लिखा कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए — “हमारे पास सीएम की कुर्सी के लिए 500 करोड़ नहीं है।”

उनका कहना है कि कांग्रेस ने उनसे कभी रकम की मांग नहीं की, और वे सिर्फ एक तथ्य बता रही थीं — कि कांग्रेस में पैसे वालों की हैसियत से ही राजनीति तय होती है। फिर भी, कांग्रेस में इस बयान के बाद असंतोष, शक और गुटबाज़ी खुलकर सामने आ गयी है। कई नेताओं ने इस खुलासे के पीछे पार्टी के अंदरुनी मतभेदों और नेताओं के बीच होड़ को कारण बताया है। कुछ नेताओं का कहना है कि यदि यह सच है, तो कांग्रेस को अपने ढांचे और निष्पक्ष प्रक्रिया की समीक्षा करनी चाहिए।

वहीं, जनता और मीडिया में इस बयान को लेकर सवाल उठ रहे हैं — क्या वास्तव में राजनीतिक नियुक्तियाँ अब पैसों की देन व धन के साथ होती हैं? यदि हाँ, तो भारतीय लोकतंत्र व पार्टी व्यवस्था को क्या खतरा है?

निष्कर्ष


नवजोत कौर का बयान — कि “सीएम वह बनता है, जो 500 करोड़ की अटैची दे सके” — इस एक वाक्य ने पंजाब राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस एक वाक्य ने कांग्रेस की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं, विपक्ष को हथियार दे दिए हैं, और जनता के मन में भ्रष्टाचार व राजनीति की असली सूरत को लेकर कई शंकाएँ पैदा कर दी हैं।

इस विवाद से साफ है कि भारतीय राजनीति आज सिर्फ भाषणों या घोषणाओं से नहीं, बल्कि पैसों व संपत्ति के आधार पर भी बदल रही है — एक चिंताजनक प्रवृत्ति, जिस पर लोकतंत्र, पारदर्शिता और जनता-विश्वास के लिए अलार्म बज चुका है।