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PM Modi master distorian: कांग्रेस का इतिहास विकृति आरोप

 08 Dec 2025

PM Modi master distorian: “वंदे मातरम्” विवाद में कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया


हाल ही में जब Narendra Modi ने संसद में Vande Mataram को लेकर अपनी टिप्पणी दी — जिसमें उन्होंने कहा कि 1937 में इसके कुछ छंद हटाए गए थे — तो Indian National Congress (कांग्रेस) ने इसे इतिहास का गढ़-जोड़ करार देते हुए, मोदी को “PM Modi master distorian” बताया।

कांग्रेस नेता Jairam Ramesh ने कहा कि, “The Master Distorian of a PM must render an apology” — यानि, इतिहास में फेरबदल करने वाले प्रधानमंत्री को जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी न सिर्फ कांग्रेस बल्कि देश के संस्थापक पिताओं और महान हस्तियों, जैसे Rabindranath Tagore, का अपमान है।

कांग्रेस का कहना है कि इस तरह की बयानबाज़ी से देश के साझा इतिहास और संवेदनशील सांस्कृतिक धरोहरों को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। यह विवाद सिर्फ एक गीत का नहीं, बल्कि इतिहास की समझ, उसकी गरिमा और उसके महत्व को लेकर है।

क्या असली राजनीति की जगह हो रही है इतिहास की राजनीति?


कांग्रेस के मतानुसार, इस समय असली मुद्दों — जैसे बेरोजगारी, महंगाई, सामाजिक असुरक्षा, किसानों-किसानी समस्याएँ — से ध्यान हटाकर इतिहास को झुठलाया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मोदी और सरकार “diversionary tactics” अपना रहे हैं; यानी, जनता की न-जाने कितनी समस्याओं को इतिहास के बहाने पीछे छोड़ दिया गया है।

कांग्रेस ने यह भी कहा है कि यह केवल व्यक्तिगत हमला या बयान नहीं है — बल्कि इतिहास में गढ़े गए तथ्यों को बदलने, राष्ट्रीय भावनाओं को भड़काने, और सांप्रदायिक विभाजन का जोखिम लेने जैसा कदम है। उनके अनुसार, ऐसे आरोप-प्रत्यारोप से समाज में अस्थिरता बढ़ सकती है।

इस विवाद में, कांग्रेस ने दो बातें प्रमुख रूप से उठाईं: — पहला, इस तरह के आरोपों के पीछे इतिहास की असली सच्चाई को पेश करना चाहिए; और दूसरा, जिन संस्थापक-पिताओं और महापुरुषों की विरासत है — उनका सम्मान और तथ्यात्मक इतिहास को सुरक्षित रखना चाहिए।

कांग्रेस की मांगे — माफी और मापदंड, देश की ऐतिहासिक संवेदनाएं


PM Modi master distorian: कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री द्वारा जो बयान दिया गया, वह सिर्फ एक पक्षीय, संदर्भ-हीन और विवादित था। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया — और सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी गई — तो वह इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट, न्यायपालिका या संविधान की धिरोधना तक ले जाएगी।

कांग्रेस यह भी मांग कर रही है कि ऐसे मामलों में भविष्य में किसी भी राजनीतिक दल या नेता द्वारा इतिहास बदलने या तथ्यों को तोड़-मरोड़ने की कोशिश न हो। इसके लिए वह ‘तथ्यात्मक इतिहास’, ‘संवेदनशील राष्ट्रीय धरोहरों’ तथा ‘सांस्कृतिक सहिष्णुता’ के लिए स्पष्ट मापदंड स्थापित करना चाहती है।

साथ ही, कांग्रेस ने यह बताया कि वे सिर्फ विरोध के लिए नहीं, बल्कि देश के लोगों, especially younger generation के लिए इतिहास की समझ बनाये रखने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि इतिहास की गलत व्याख्या को नहीं रोका गया, तो आने वाली पीढ़ियों तक एक विकृत इतिहास पहुंचाया जाएगा — जो राष्ट्र-भावना और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक हो सकता है।