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Putin's India visit: दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट — राजधानी बनी ‘किला’
03 Dec 2025
Putin's India visit: राजधानी में कड़े सुरक्षा इंतज़ाम
2025 की शुरुआत दिसंबर में, व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे (Putin's India visit) को देखते हुए राजधानी दिल्ली पूरी तरह सुरक्षा के घेरे में है। पुतिन के 4–5 दिसंबर 2025 के दो दिवसीय प्रवास से पहले, दिल्ली और केंद्र शासित क्षेत्र में सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जिसमें Delhi Police, विभिन्न केंद्रीय एजेंसियाँ, और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल हैं।
सुरक्षा व्यवस्था में न सिर्फ सड़क मार्ग और रूट प्लान शामिल है, बल्कि ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी, रैपिड रेस्पॉन्स फोर्स, एंटी-टेरर यूनिट्स जैसे कई चरण शामिल किए गए हैं।
इसके अलावा, रूस की ओर से एक अग्रिम सुरक्षा और प्रोटोकॉल टीम — जिसमें लगभग 50 अधिकारी शामिल हैं — पहले ही दिल्ली आ चुकी है, जो पुतिन के दौरे के रूट, सम्भावित ठहराव स्थानों और अन्य व्यवस्था का निरीक्षण कर रही है।
Putin's India visit: सुरक्षात्मक बंदोबस्त और लोगों के लिए एहतियात
Putin's India visit: पुलिस और प्रशासन ने सार्वजनिक सुव्यवस्था और यातायात व्यवस्था के लिए पहले से योजनाएं बना ली हैं। रूट प्लान के अनुसार, पुतिन के आवागमन के दौरान कई इलाकों को सील किया जाएगा, जहां ट्रैफिक डायवर्जन, restricted zones, और पैदल चलने वालों पर नियंत्रण लागू हो सकता है।
साथ ही, अधिकारियों ने निवास और यात्रा के विवरण सार्वजनिक न करने का फैसला किया है — ताकि सुरक्षा उल्लंघन या संभावित खतरों को रोका जा सके।
सुरक्षा एजेंसियाँ, (स्थानीय पुलिस, केंद्रीय एजेंसियाँ, और पुतिन की सुरक्षा टीम) 24 घंटे निगरानी रखेंगी। उनका कहना है कि "आगमन से लेकर प्रस्थान तक हर कदम पर हर गतिविधि पर कड़ी नजर होगी"।
इस दौर में आम जनता को भी यातायात की असुविधा, restricted zones, और अन्य अस्थायी बंदोबस्तों के मद्देनज़र आगे की जानकारी के लिए अपडेट्स पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।trafic advisories पहले जारी की जाएँगी।
Putin's India visit: अनपेक्षित रक्षा-और रणनीतिक वार्ता की संभावना
इस दौरे को सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को फिर से मजबूत करने का अवसर माना जा रहा है। पुतिन इस यात्रा के तहत 23वीं India–Russia Annual Summit (भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन) में हिस्सा लेंगे।
मीडिया और विश्लेषकों के मुताबिक, इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, और अन्य अहम क्षेत्रों में बड़े समझौतों पर चर्चा हो सकती है — जैसे कि एयर्सुरक्षा प्रणाली, ऊर्जा आयात, और रक्षा सहयोग।
विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब पुतिन भारत आ रहे हैं, इसलिए इस यात्रा को उन बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्यों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहाँ भारत-रूस के रिश्तों की दिशा तय हो सकती है।