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भारत-इज़राइल संबंध मजबूत, इज़राइल का मोदी नीति पर भरोसा

 26 Nov 2025

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तावित भारत यात्रा के स्थगित होने के बावजूद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों और सुरक्षा सहयोग में कोई कमी नहीं आई है। इज़राइल सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सुरक्षा व्यवस्था और रणनीतिक नीतियों पर उनका पूरा भरोसा है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में नेतन्याहू का दौरा अनिश्चित राजनीतिक परिस्थितियों के कारण स्थगित कर दिया गया था। मोदी सरकार की सुरक्षा नीति को इज़राइल ने इस भरोसे का मजबूत आधार बताया है। भारत-इज़राइल संबंध इसी विश्वास और रणनीतिक समझ पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

भारत-इज़राइल रणनीतिक साझेदारी में निरंतर प्रगति


भारत और इज़राइल के बीच पिछले एक दशक में रक्षा, खुफिया सहयोग, कृषि तकनीक, साइबर सुरक्षा और नवीन तकनीकी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग मजबूत होने का कारण है साझा वैश्विक चुनौतियाँ, विशेष रूप से आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा जोखिम। नेतन्याहू की यात्रा भले ही टल गई हो, लेकिन इज़राइल ने कहा है कि इससे भारत-इज़राइल संबंध पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इन उपलब्धियों में मोदी सरकार की सुरक्षा नीति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इज़राइल का बयान: “मोदी के नेतृत्व में भारत सुरक्षित”


इज़राइल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सुरक्षा के मामले में बेहद सक्षम और विश्वसनीय साझेदार साबित हुआ है। इज़राइल का मानना है कि भारत की रक्षा और सुरक्षा नीतियाँ क्षेत्रीय स्थिरता में सकारात्मक भूमिका निभा रही हैं। अधिकारी के अनुसार, यात्रा स्थगित होना केवल “आंतरिक कारणों” से जुड़ा है और इसका द्विपक्षीय संबंधों की दिशा से कोई लेना-देना नहीं है।

दोनों देशों के रक्षा संबंधों में आया नया युग


भारत इज़राइल से ड्रोन, मिसाइल सिस्टम, साइबर तकनीक और निगरानी उपकरणों का एक प्रमुख खरीदार है। इसके साथ-साथ दोनों देशों के बीच संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएँ भी चल रही हैं, जिनका उद्देश्य भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए उन्नत तकनीक विकसित करना है। मोदी सरकार आने के बाद से भारत-इज़राइल संबंध में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला है। यह परिवर्तन भी मोदी सरकार की सुरक्षा नीति के कारण अधिक प्रभावी साबित हुआ है।

2017 में प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक इज़राइल यात्रा और 2018 में नेतन्याहू की भारत यात्रा ने द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊर्जा प्रदान की थी।

भारत में आंतरिक सुरक्षा और सामरिक तैयारियों की इज़राइल ने की प्रशंसा


इज़राइल ने भारत की आतंकवाद-विरोधी क्षमताओं, सीमा प्रबंधन और रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों की भी सराहना की। इज़राइल का कहना है कि भारत अपने भू-राजनीतिक वातावरण को मजबूत करने के लिए जिस तरह से सुरक्षा ढाँचे का विस्तार कर रहा है, वह दुनिया के लिए एक उदाहरण है। इन पहलों ने भारत-इज़राइल संबंध को और अधिक विश्वसनीय तथा प्रभावी बनाया है।

यात्रा स्थगित होने के बावजूद संवाद जारी


नेतन्याहू की यात्रा स्थगित होने के बाद भी दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय वार्ता जारी है। राजनयिक सूत्रों के अनुसार, यात्रा को आगे किसी सुविधाजनक तिथि पर पुनः निर्धारित किया जाएगा। इज़राइल ने संकेत दिया है कि नई तारीख तय होने के बाद यात्रा का एजेंडा और अधिक व्यापक होगा।

निष्कर्ष: स्थगन नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी की निरंतरता


कुल मिलाकर, नेतन्याहू की यात्रा स्थगित होने का भारत और इज़राइल के रिश्तों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। इज़राइल की ओर से यह पुष्टि कि “मोदी के नेतृत्व में भारत की सुरक्षा पर पूरा भरोसा है”, दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास, साझा रणनीतिक हितों और वैश्विक चुनौतियों का मिलकर सामना करने की भावना को दर्शाता है। आने वाले समय में भारत और इज़राइल रक्षा, तकनीक और सुरक्षा के क्षेत्रों में अपने सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाते दिखाई देंगे।

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