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कर्नाटक के सीएम पद की अटकलों के बाद डीके शिवकुमार का बयान "सभी 140 विधायक मेरे हैं"

 21 Nov 2025

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद और संभावित कैबिनेट फेरबदल की अटकलों के बीच पार्टी के भीतर बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों पर पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, "समूह बनाना मेरे खून में नहीं है। सभी 140 विधायक मेरे पास हैं।

डीके शिवकुमार का बयान


शिवकुमार ने आगे कहा, " मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि वह सरकार और मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। इसलिए, वे सभी मंत्री बनने के इच्छुक हैं। स्वाभाविक है कि वे दिल्ली जाकर नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, मैं क्या कह सकता हूँ। उन्हें पूरा अधिकार है। मैं किसी को नहीं ले गया। उनमें से कुछ लोग खड़गे साहब से मिलने गए।"

डीके शिवकुमार ने आगे अपने बयान में कहा, "मैने सीएम से भी मुलाकात की। क्या गलत है? यह उनकी जिंदगी है। किसी ने उन्हें बुलाया नहीं है, वह स्वेच्छा से जा रहे हैं और अपना चेहरा दिखा रहे हैं। वह अपनी उपस्थिति देखना चाहते थे कि सबसे आगे क्या है, काम कर सकते हैं और वे जिम्मेदारी चाहते हैं।"

उन्होंने विधायकों को मंत्री पद की योग्यता को और स्पष्ट करते हुए कहा, " सभी 140 विधायक मंत्री और मुख्यमंत्री बनने योग्य हैं। वह सब कुछ बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह 5 साल पूरे करेंगे। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ l हम सब उनके साथ मिलकर काम करेंगे।

पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से की मुलाकात


हालांकि पद की अटकलों के बीच राज्य के विधायकों की पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात पर डीके शिवकुमार ने बयान दिया, जिसमें उन्होंने आगे कहा, “मुझे रात्रिभोज के बारे में जानकारी नहीं है। वहां डिनर चल रहा है। वे एक नया पीसीसी अध्यक्ष और 4-5 उपमुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। यह सारी बैठकें पिछले ढाई साल से चल रही हैं। यह कोई नई बात नहीं है। उन्हें और बैठक करने दीजिए।”

इसके बाद अलग से बोलते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस बात पर जोर दिया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल पार्टी हाईकमान का विशेषाधिकार है।

जबकि कैबिनेट में फेरबदल सिर्फ आलाकमान ही करता है। क्या उन्होंने कुछ कहा? आगे वह कहते है मुझे और किसी और को आलाकमान की बात सुननी होगी।

डीके शिवकुमार का बयान सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज़ हो गई है. जिसके बाद इस सप्ताह की शुरुआत में संकेत दिया कि वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पक्ष से इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफे की अटकलों पर आश्वासन दिया कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व का हिस्सा बने रहेंगे।

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