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बिहार चुनाव के बाद प्रशांत किशोर की टिप्पणी, जेडीयू के जीतने पर राजनीति छोड़ने को नहीं कहा
18 Nov 2025
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को टिप्पणी कर कहा कि अगर नीतीश कुमार सरकार बिहार के 1.5 करोड़ लोगों को 2-2 लाख रुपये मुहैया करने का अपना वादा पूरा करती है, तो वह पूर्ण रूप से राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने यह टिप्पणी बिहार चुनाव में हार स्वीकार कर जनता के विश्वास को न जीत पाने के बाद की।
बिहार की राजधानी पटना में मीडिया को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, "मैं बिहार के लोगों का विश्वास नहीं जीत सका। प्रशांत किशोर ने टिप्पणी कर आगे कहा कि प्रायश्चित के तौर पर एक दिन का मौन उपवास रखेंगे"।
प्रशांत किशोर ने हार स्वीकार की
यह पूछे जाने पर कि हार के बाद वह इस्तीफा देंगे, किशोर ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई पद नहीं है, जिससे वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने आगे बताया " मैं किस पद पर हूँ कि इस्तीफा दूँ? मैंने कहा था कि अगर जेडीयू को 25 से ज़्यादा सीटें मिलीं, तो मैं रिटायर हो जाऊंगा। किस पद से इस्तीफा दूँ? मैंने यह भी नहीं कहा कि मैं बिहार छोड़ दूँगा "मैंने राजनीति छोड़ दी है। लेकिन मैंने यह भी नहीं कहा कि मैं बिहार की जनता के लिए बोलना बंद कर दूँगा।
प्रशांत किशोर ने टिप्पणी की कि वह हार के बावजूद राज्य में तेज काम करेंगे। उन्होंने आगे बोला " आपने मुझे पिछले तीन सालों में जितनी मेहनत करते देखा है , मैं उससे दोगुनी मेहनत करूँगा और अपनी पूरी ऊर्जा लगा दूँगा। पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है। जब तक मैं बिहार को बेहतर बनाने का संकल्प पूरा नहीं कर लेता, तब तक पीछे हटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।
प्रायश्चित के तौर पर रखेंगे मौन व्रत
उन्होंने कहा कि जवाबदेही के तौर पर वे 20 नवंबर को एक दिन का उपवास रखेंगे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए आगे बताया " मैं बिहार के लोगों को यह समझाने में नाकाम रहा कि उन्हें किस आधार पर वोट देना चाहिए और उन्हें नई व्यवस्था क्यों बनानी चाहिए। इसलिए प्रायश्चित के तौर पर, मैं गांधी भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखूँगा, हमसे भी गलतियाँ हो सकती हैं, लेकिन हमने कोई अपराध नहीं किया है। हमने समाज में जाति- आधारित जहर फैलाने का अपराध नहीं किया। हमने बिहार में हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति नहीं की है। हमने धर्म के नाम पर लोगों से वोट मांगने का अपराध नहीं किया। हमने बिहार के गरीब, भोले-भाले लोगों को पैसे देकर उनके वोट खरीदने का अपराध नहीं किया है।
कभी भारत के सबसे सफल चुनावी रणनीतिकारों में से एक माने जाने वाले किशोर ने बिहार में एक लंबी पदयात्रा के बाद जन सुराज की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने शासन, रोज़गार और पलायन कम करने पर केंद्रित राजनीति के एक नए मॉडल का वादा किया। ज़ोरदार प्रचार और ऑनलाइन मज़बूत उपस्थिति के बावजूद, पार्टी लगभग सभी सीटों पर ज़मानत गँवा बैठी, जिससे बिहार की राजनीति में जातिगत नेटवर्क और स्थापित गठबंधनों का प्रभाव स्पष्ट हो गया। बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को हुए थे और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए गए थे।
इस बीच, भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा, "अगर जेडीयू 25 सीटें भी जीतती है तो भी वह राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। अगर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनते हैं तो भी वह राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। जिस व्यक्ति ने अपना राजनीतिक जीवन झूठ से शुरू किया हो, उसके बारे में ऐसा कहना अजीब है... उन्हें बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन झूठ के सहारे शुरू किया, अगर आप सच्चाई के साथ काम करेंगे, तो आप आगे बढ़ेंगे।"
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