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Delhi Air Pollution Protest: दिल्ली की हवा पर लोगों का गुस्सा, पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल

 10 Nov 2025

शनिवार की शाम इंडिया गेट पर माहौल उम्मीदों से भरा था। छात्र, महिलाएं और नागरिक हाथों में तख्तियां लिए दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। नारे गूंज रहे थे, इंसाफ चाहिए हम खामोश नहीं रहेंगे। लेकिन जैसे ही अंधेरा गहराया, वही शांत विरोध पुलिस की सायरनों में दब गया। करीब सात बजे पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के दो समूहों को पहले ही हिरासत में ले लिया था। पुरुषों को बवाना और महिलाओं को नरेला भेजा गया। पहले कहा गया मंदिर मार्केट ले जा रहे हैं, फिर बस घूमी और नरेला पहुंचा दी गई।

सरबजोत, महिला प्रदर्शनकारी, बताती हैं “ दिल्ली वायु प्रदूषण विरोध के चलते महिलाओं को गैरकानूनी तरीके से पुरुष पुलिसकर्मियों ने घसीटकर वैन में डाला है और अभी तक पता नहीं है उन्हें कहाँ लेकर गए हैं।अभी तक 8 बज गए हैं लेकिन महिलाओं के कोई ख़बर नहीं है।”

शांतिपूर्ण विरोध में शामिल छात्रों और महिलाओं को पुलिस ने सूर्यास्त के बाद किया डिटेन


प्रदर्शन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। लोगों को जबरदस्ती वैन में ठूंसा गया,एक गवाह रुद्र बताता है। एक पुरुष प्रदर्शनकारी की कमीज़ तक फट गई जब पुलिस ने उसे अंदर धकेला, दूसरे ने कहा। यह कार्रवाई उस समय हुई जब सूर्यास्त को काफी समय बीत चुका था, इसके बाद रात आठ बजकर पंद्रह मिनट पर, जब उनके समर्थन में कुछ लोग दोबारा इंडिया गेट पहुंचे और रिहाई की मांग करने लगे, तो पुलिस ने उन्हें भी पकड़ लिया। हम सिर्फ पूछ रहे थे कि उन्हें कहां ले गए हैं।”

भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 46(4) के अनुसार, सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले किसी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, सिवाय असाधारण परिस्थितियों में, और तब भी महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी में। लेकिन प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि न तो महिला अधिकारी शुरुआत में मौजूद थीं और न ही उन्हें बताया गया कि किन धाराओं में ले जाया जा रहा है। संडाउन के बाद डिटेन नहीं कर सकते, पर किसी ने कुछ नहीं बताया। पुलिस की नेम प्लेट तक नहीं थी, एक प्रदर्शनकारी रुद्र ने बताया।

गवाहों का आरोप महिला पुलिसकर्मियों की गैरमौजूदगी में हुई गिरफ्तारी


दिल्ली वायु प्रदूषण विरोध के दौरान गिरफ्तार पुरुषों को बवाना और महिलाओं को नरेला डिटेंशन सेंटर ले जाया गया। हमारी साथी को किडनी की दिक्कत थी, बार-बार वॉशरूम जाना था, लेकिन गाड़ी नहीं रोकी, क्रांति बताती हैं। करीब एक घंटे बाद महिलाओं को रिहा किया गया, लेकिन डर और गुस्सा दोनों कायम रहे। दो महिलाओं को पुलिस की ही वेन में रखा गया और करीब रात 11:10 पर उन्हें छोड़ा गया है, जिसके बाद बार बार बस की मांग करने पर पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के बाहर करीब 2 बजे तक महिलाओं को छोड़ा गया था। इसके अलावा घर पर फोन कर कहा गया बहुत एक्टिव मत बनो। डर नहीं लगा, बस गुस्सा आया,एक अन्य युवती ने बताया।

सौरव दास इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट बताते हैं “ यह ऑर्गैनिक प्रोटेस्ट था, यहाँ लोगों को जबरदस्ती उठाकर ले गए हैं, इतना अग्रेसिव फोर्स का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि लोग शांतिपूर्ण तरीके से वायु प्रदर्शन कर रहे थे। यहाँ बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग थे। यह वायु प्रदूषण का मामला है, कोई पोलिटिकल मुद्दा नहीं था यह सब पर प्रभाव डालता है। हमारी मांगें थी, सरकार जो डेटा छिपाने के लिए पानी का छिड़काव कर रही है वह बंद हो”

मधुलिका मोलिटिक्स से बात करते हुए बताती हैं “ दिल्ली वायु प्रदूषण विरोध में शामिल मधुलिका के पति को 15 दिन पहले ही अस्थमा अटैक आया था, जिसके चलते अब वह दिल्ली से बाहर जाने को मजबूर हो गए हैं, सिर्फ खराब हवा के कारण ऐसा हुआ। इसलिए हम यहाँ प्रदर्शन करने आए हैं”

डॉक्टर ने कहा वायु प्रदूषण बन गया है जानलेवा


सर गंगाराम अस्पताल डिपार्ट्मेंट ऑफ मेडिसन से डॉक्टर एम वल्ली मोलिटिक्स से बात करते हुए बताते हैं। “वायु प्रदूषण हर साल की स्थिति है। हमारे देश में जितनी मौत सड़क दुर्घटना में नहीं होती है। उतनी वायु प्रदूषण के कारण हो रही हैं। खून के जरिए कम ऑक्सीजन वाली हवा शरीर के अंदर जाती है। जब हवा शरीर में जाती है लोगों को कन्फ़्यूजन होता है सांस लेने में परेशानी होती है। अस्थमा के मरीजों को अटैक पड़ता है। इसके अलावा जिन लोगों को कोई भी बीमारी नहीं थी, उनकी भी अचानक मौत हो रही है। इसका सबसे ज़्यादा प्रभाव बुजुर्ग और बच्चों पर पड़ रहा है।”

इसके अलावा डॉ एम वल्ली बताते हैं उन्होंने 30 नवंबर के दिन लोगों को एक कार्यक्रम में बुलाया था, कई लोगों का जवाब आया “वह वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली छोड़ चुके हैं”।

ओमकार साकेत हाई कोर्ट के वकील बताते हैं “दिल्ली वायु प्रदूषण विरोध में सूर्यास्त के बाद किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। अगर प्रोटेस्ट के दौरान महिलाओं को पकड़ा गया था तो यह धारा सीआरपीसी 46 (4) असाधारण परिस्थितियों के अलावा किसी भी महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। यदि ऐसी कोई असाधारण परिस्थिति है, तो महिला पुलिस अधिकारी को लिखित रिपोर्ट बनाकर, प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति लेनी होती है, जिसके स्थानीय अधिकार क्षेत्र में गिरफ्तारी की जानी है।

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