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भारत को संदेश: राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ प्रेसर में “Brazil model” का खुलासा

 06 Nov 2025

“Brazil model” दावा: क्या कहा गया?


राहुल गांधी ने अपने प्रेस ब्रीफिंग में दावा किया कि हरियाणा के 2024 विधानसभा चुनाव के मतदाता सूची में लगभग 25 लाख फर्जी वोट दर्ज हैं — यानी राज्य की कुल मतदाता संख्या में करीब 12.5 प्रतिशत हिस्से के बराबर। उन्होंने कहा: “एक महिला है, जो 10 भिन्न बूथों पर 22 बार वोट देती दिख रही है – नाम अलग-अलग जैसे सीमा, स्वीटी, सरस्वती, रश्मि, विमला… लेकिन तथ्य यह है कि वह ‘Brazil model’ है।”

उनका तर्क है कि यह केवल एक बुथ-स्तर की गड़बड़ी नहीं है, बल्कि एक केंद्रीकृत ऑपरेशन है जिसमें एक ही फोटो को अनेक नामों व स्थानों पर इस्तेमाल किया गया है — इसीलिए उन्होंने इसे “H-फाइल्स” की तरह प्रस्तुत किया।

विवाद और प्रतिक्रियाएँ: “Brazil model” की असलियत


वहीं दूसरी ओर, इस “Brazil model” की पहचान भी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें जिन्दगी में उतनी राजनीतिक भागीदारी नहीं है जितनी आरोपों में दिखाया गया। उदाहरण के लिए, मॉडल ने कहा है कि उनकी तस्वीर स्टॉक इमेज थी, उन्होंने कभी भारत में मतदान नहीं किया और इस तरह के वोट-चोरी संबंधी आरोपों से उनका कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है।

एक अन्य मामला यह सामने आया है कि जिन महिलाओं के मतदाता पहचानपत्रों में उस फोटो को दिखाया गया था, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने खुद मतदान किया है और कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ। इस प्रकार इस मामले में मुख्य बातें हैं:

  • राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत दृश्य-दावा

  • मॉडल द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण

  • स्थानीय मतदाता द्वारा उठाए गए सवाल

“Brazil model” के दावे का राजनीतिक और लोकतांत्रिक महत्व


इस पूरे विवाद का व्यापक प्रभाव तीन मुख्य आयामों में देखा जा सकता है:

  • लोकतंत्र व मतदाता विश्वास: अगर वास्तव में एक ही फोटो को कई नामों से इस्तेमाल किया गया हो, तो यह हमारे ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ वाले सिद्धांत के लिए बहुत बड़ा झटका हो सकता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर, अगर यह दावा अधूरा या गलत हो तो लोकतंत्र के प्रति भरोसा कम हो सकता है।

  • चुनाव आयोग व प्रशासन की जवाबदेही: राहुल गांधी ने Election Commission of India (ECI) पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ऐसी प्रक्रियाओं पर उचित नियंत्रण नहीं किया। यदि यह मामला ठोस साबित हुआ, तो यह चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

  • राजनीतिक अभियानों व विपक्ष-सत्ता संघर्ष: इस तरह के आरोप चुनावी संघर्ष का एक हिस्सा बन जाते हैं, जिसमें विपक्ष शासन-प्रशासन को गम्भीर चैलेंज देती है। राहुल गांधी ने इसे “vote chori” नाम दिया है, और उन्होंने युवा पीढ़ी विशेष रूप से जन-जेड (Gen Z) को जागरूक होने का आह्वान किया है।