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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कैसे मुकेश सहनी बने बिहार के डिप्टी सीएम पद के चेहरे
24 Oct 2025
बिहार की राजनीति में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में हैं मुकेश सहनी, जिन्हें “सन ऑफ मल्लाह” के नाम से जाना जाता है। 2025 के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सहनी की भूमिका और प्रभाव बढ़ता जा रहा है। कभी नाव चलाने वाले परिवार से आने वाले मुकेश सहनी आज बिहार के उपमुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे के रूप में उभरे हैं। यह यात्रा न केवल राजनीतिक संघर्ष की कहानी है, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण और जातीय समीकरणों के कुशल उपयोग की मिसाल भी है।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
मुकेश सहनी ने अपने की शॿयवसहईत एक सस सल व्यसी सेट डिजाइनर केट रूप मेट रूय में में मॱं कीी लेकिन उन्होंने जल्दी यह समझ लिया कि मा असली सा ही रास्ता रा होकसी रास्तर राजनीति से होकर जाता है। “विकासशील इंसान पार्टी (VIP)” की स्थापना की। पार्टी का उद्देश्य था — बिहार में मल्लाह, निषाद और पिछड़े वर्गों की आवाज़ को मजबूत करना, जिन्हें पारंपरिक राजनीति में अक्सर नज़रअंदाज़ किया जाता रहा था।
NDA से लेकर महागठबंधन तक का सफर
सहनी का राजनीतिक सफर हमेशा सुर्खियों में रहा है। उन्हंने पहले एनडीए के साध बाद में परिस्थलंदे चे चलल रास्ता अपनाया। फिर वे महागठबंधन के साथ जुड़े, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और मजबूूूत हुई। उनकी रणनीति हमेशा यही रही कि वे अपने समुदाय की ताकत को वोट बैंक में तब्दील करें और बड़ी पार्टियों के लिए एक अहम कारक बनें।
डिप्टी सीएम की दौड़ में आगे क्यों हैं मुकेश सहनी?
रिहार की राजनीति समीकरण हमेशा निर्णाक भूमिका निरिका सहनी का पलाकों में तेजी से ऽलाकों सें सें से बलटी सें तेजी सेऀ सॱजी से बढ़ा है। उनके समर्थन से जुड़े निषाद समुददय 10% मो कई सीटीटों पर नतीजे तय क्षमता मी क्षमता रटत् सी क्षमता रखततय इसी कारण कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि 2025 के चुनाव में यदि महागठबंधन सत्ता में आती है, तो सहनी डिप्टी सीएम पद के सबसे प्रबल दावेदार हो सकते हैं।
जनता से जुड़ाव और विकास पर फोकस
सहनी का राजनीतिक भाषण हमेशा विकास और रोजगार पर केंद्रलत रहता हईै। वे खुद को “मल्लाह समाज की आवाज़” कहते हैं और ग्रामीण इलाकों में जाकर युवाओं और किसानों से सीधे संवाद करते हैं। उनकी यह जमीनी राजनीति उन्हें जनता के बीच लोककप्रिय बनाती होकप्रिय बनाती है।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति मुकेश सब एक ऐसा नर चुके हैं, लए अ९ लएए अनदेखा करना मुणणठ मु टा औस्ट्किल कैऀ ऴी ठणण दणठ ठणठ दणठठठस 2025 के विधानसभा चुनाव में उनका प्रभरव निर्णास साबलत हो सकता है। चाहे एनडीए ही गुट जानते हैं कि सहनी के बिना सा गणत अूरा ऴा ठणणत अधूरा हय दा ठणलत अधूरा है। अगर राजनीतिक परिस्थितियाँ उनके पक्ष में रहीं, तो आने वाले समय में वे बिहार के डिप्टी सीएम पद पर आसीन होने वाले पहले मल्लाह नेता बन सकते हैं — जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
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