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तेजश्वी यादव को सीएम उम्मीदवार घोषित – बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बड़ा बदलाव

 23 Oct 2025

“तेजश्वी यादव” की उम्मीदवारी: विपक्षी मोर्चे का नया चेहरा


विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख नेता तेजश्वी यादव को उस गठबंधन का चेहरा बनाया गया है, जिसमें कांग्रेस, वामपंथी दल और अन्य घटक शामिल हैं। RJD के वरिष्ठ सांसद ने कहा है कि तेजश्वी यादव इस मोर्चे में निर्विवाद रूप से मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे। चुनाव से पहले इस प्रकार का स्पष्ट नामांकन विपक्षी रणनीति में नई दिशा लाता है।

तेजश्वी यादव ने खुद यह दावा किया है कि वे “मुख्यमंत्री चेहरा” हैं, और रैली में उन्होंने राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री पर तीखे हमला भी किए। उनकी उम्मीदवारी का संदेश यह है कि विपक्ष में बदलाव की चाह है और एक नया नेतृत्व सामने आ रहा है।

“तेजश्वी यादव” और सीट-बाँट: अंदरूनी चुनौतियाँ और सामना


हालाँकि तेजश्वी यादव को घोषणात्मक रूप से मुख्यमंत्री उम्मीदवार माना जा रहा है, लेकिन गठबंधन के अंदर सीट-बाँट को लेकर अभी टकराव चल रहा है। कांग्रेस के नेता ने स्पष्ट किया है कि RJD अपनी तरफ से तेजश्वी यादव को मुख्य चेहरा मानता है, लेकिन पूरे INDIA ब्लॉक के हिस्से के रूप में इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है।

इसके अलावा, गठबंधन ने तीन उपमुख्यमंत्री पदों का सुझाव दिया है ताकि सामाजिक न्याय, दलित-पिछड़ा समीकरण और नेतृत्व केंद्रीय व्यक्तित्व से बाहर निकलकर व्यापक रूप ले सके। इस पहल का मकसद केवल तेजश्वी यादव को केंद्र में लाना ही नहीं, बल्कि समर्थन-वर्गों और सामाजिक समूहों को संतुष्ट करना भी माना जा रहा है।

“तेजश्वी यादव” की घोषणा के राजनीतिक मायने: योजना, प्रतिक्रिया और रुख


तेजश्वी यादव को सीएम चेहरा घोषित करना चुनावी रणनीति का एक बड़ा कदम है। इसका अर्थ है कि विपक्ष ने चुनावी माहौल में स्पष्ट नामांकन के माध्यम से अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। वहीं, उनके नेतृत्व में एक बड़े सामाजिक-सुधारात्मक एजेंडा को भी तवज्जो दी जा रही है — उदाहरण के लिए “एक परिवार-एक नौकर” जैसे वादे सामने आए हैं।

इस बीच, वर्तमान सत्ताधारी गठबंधन राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर भी चर्चा है कि नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में उतारा जा सकता है। इसलिए तेजश्वी यादव की उम्मीदवारी सिर्फ एक व्यक्तिगत नाव नहीं बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने वाली चाल है।

तेजश्वी यादव की उम्मीदवारी का एक अन्य राजनीतिक मायना यह है कि विपक्ष धरातल पर अधिक सक्रिय दिख रहा है। जैसे-जैसे मतदान की तिथियाँ करीब आ रही हैं (पहला चरण 6 नवंबर, दूसरा 11 नवंबर) वैसे-वैसे रणनीतिक घोषणाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

निष्कर्ष


इस तरह, तेजश्वी यादव को सीएम उम्मीदवार घोषित करना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए विपक्ष की सक्रियता का प्रमुख संकेत है। गठबंधन-असहमति, सामाजिक समीकरण, नामांकन की स्पष्टता—ये सब इस निर्णय से जुड़ी धुरी हैं। अब यह देखना होगा कि जनता इस नेतृत्व परिवर्तन को किस तरह स्वीकारती है और निर्वाचन का नतीजा किस गठबंधन-रणनीति को लाभ पहुंचाता है।