भारत के प्रधानमंत्री Narendra Modi ने अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump को इस वर्ष दीपावली के अवसर पर भेजे गए शुभकामना कॉल के लिए धन्यवाद जताया। मोदी थैंक्स ट्रम्प इस कॉल के लिए सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा कि “Thank you, President Trump, for your phone call and warm Diwali greetings.” इसमें उन्होंने यह संदेश भी दिया कि भारत और अमेरिका दोनों महान लोकतंत्र हैं और आतंकवाद के विरुद्ध संयुक्त आवाज़ उठाना जारी रखेंगे।
मोदी थैंक्स ट्रम्प – दीपावली कॉल में मित्रता का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि “On this festival of lights, may our two great democracies continue to illuminate the world with hope and stand united against terrorism in all its forms.”
यह कॉल उस समय आई जब ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में भारतीय‑अमेरिकी समुदाय के लिए दीपावली कार्यक्रम में हिस्सा लिया था, और दोनों नेताओं के बीच व्यापार तथा क्षेत्रीय शांति पर संक्षिप्त चर्चा हुई थी।
इस कदम को भारत‑अमेरिका के बीच रिश्तों में गर्मजोशी की दिशा में देखा गया है। मोदी थैंक्स ट्रम्प इस कॉल को इसलिए विशेष माना क्योंकि यह न सिर्फ एक शुभकामना थी, बल्कि दो देशों के बीच साझा मूल्यों और लोकतांत्रिक गठजोड़ को रेखांकित कर रही थी।
हालाँकि, इस प्रसंग में उस कॉल के साहचर्य‑भावना के बीच एक बड़ी चुप्पी भी थी – वहाँ व्यापार एवं टैरिफ के मुद्दे पर किसी स्पष्ट बयान की कमी रही, जिसे आगे चर्चा के लिए छोड़ा गया।
मोदी थैंक्स ट्रम्प – व्यापार व टैरिफ के सवाल पर अनकहीलस्थिरता
जब प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प को धन्यवाद कहा, तब एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि थी – अमेरिकी प्रशासन ने भारत पर उच्च टैरिफ नीतियों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। उदाहरण के लिए, अमेरिका ने भारत के निर्यात वस्त्र, गहने, फूटवेयर आदि पर भारी शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी।
इसी बीच ट्रम्प ने कहा था कि “India is one of the highest tariffing nations in the world… Whatever India charges, we charge them.”
तो वहीं, मोदी थैंक्स ट्रम्प इस दौरान टैरिफ के मसले पर चुप रहे। कांग्रेस समेत विपक्ष ने इस चुप्पी को लेकर सवाल उठाए हैं कि सरकार “प्रशंसा सुनना जानती है, पर टैरिफ के सवाल पर जवाब देने को तैयार नहीं।”
इस प्रकार, मोदी थैंक्स ट्रम्प के संदेश ने मित्रता को पुनः रेखांकित किया, लेकिन व्यापारिक विवाद और आर्थिक असमर्थताओं को अनसुलझा छोड़ दिया गया है। इससे यह संकेत भी मिलता है कि भारत‑अमेरिका संबंधों में ‘मुल्य साझा’ का पक्ष बलवती है, पर ‘मुल्य व्यापारिक’ विषय अभी हल अधूरे हैं।
मोदी थैंक्स ट्रम्प – भारत‑अमेरिका संबंधों में अवसर और चुनौतियाँ
मोदी थैंक्स ट्रम्प की यह कॉलबैक सिर्फ एक कूटनीतिक इशारा नहीं है, बल्कि इसके पीछे अनेक अवसर तथा चुनौतियाँ हैं।
अवसर:
- इस शुभकामना कॉल से यह स्पष्ट हुआ कि भारत‑अमेरिका के संबंध सिर्फ सुरक्षा व रक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक रूप से भी प्रगाढ़ हैं।
- दीपावली जैसे भारतीय‑पारंपरिक अवसर पर अमेरिकी राष्ट्रपति का कॉल, भारत में अमेरिका के प्रति सकारात्मक छवि को आगे ले जाता है।
- दोनों देश जिन क्षेत्रों जैसे ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ा रहे हैं, वहाँ इस तरह की साझा संवाद शैली एक सहायक माहौल तैयार करती है।
चुनौतियाँ:
- टैरिफ‑विवाद: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए उच्च शुल्क और भारत के निर्यात‑उद्योगों को हो रहे दबाव ने द्विपक्षीय व्यापार को तनावग्रस्त बना दिया है।
- नीति‑सहयोग में अस्पष्टता: मोदी थैंक्स ट्रम्प ने मित्रता जताई, लेकिन उस के साथ व्यापारिक दिशा स्पष्ट नहीं हुई। इससे भारतीय उद्योगों, किसानों व व्यापार संगठनों में अनिश्चितता बनी हुई है।
- संवाद की दुसरी कड़ी: केवल शुभकामना तक सीमित संवाद से यह प्रश्न उठता है कि जब वास्तविक आर्थिक मसले गंभीरता से सामने हैं, तब क्या संवाद में गहराई पर्याप्त है? विपक्ष ने कहा है कि “प्रशंसा सुनना जानता है, पर टैरिफ को लेकर बोलना नहीं चाहता”।
भारत‑अमेरिका संबंधों की तस्वीर इस तरह बनती है कि जहाँ एक‑और सहमति और मित्रभाव बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर पारस्परिक आर्थिक अपेक्षाएँ एवं संघर्ष भी सामने हैं। मोदी थैंक्स 트म्प इस नए समीकरण की शुरुआत को दर्शाता है, लेकिन इसे सफल बनाने के लिए अब आगे संलग्नता, स्पष्टता व रणनीति की आवश्यकता है।Re