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हेलीकॉप्टर में फंसी ‘द्रौपदी मुर्मू’ — सबरीमाला यात्रा के दौरान हेलिपैड धंसने से अफरा तफरी

 22 Oct 2025

द्रौपदी मुर्मू की सबरीमाला यात्रा का घटनाक्रम


भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए 22 अक्टूबर 2025 को केरल के पथानमथिट्टा जिले में किए गए चार‑दिन के दौरे में एक अप्रत्याशित घटना घटी। इस दिन उन्होंने सुबह राजधानी त्रिवानन्तपुरम से निकले और फिर हेलीकॉप्टर में सवार होकर पहाड़ी स्थल श्राइन Sabarimala की ओर अग्रसर हुए।

यात्रा के दौरान उनके हेलीकॉप्टर को लैंडिंग के समय एक नए बनाए गए हेलिपैड पर समस्या का सामना करना पड़ा। लैंडिंग स्थल बदलने के कारण प्रक्रियागत तैयारियाँ अधूरी पड़ी थीं। घटना यह थी कि हेलीकॉप्टर के पहियों ने उस ठोस प्लेटफॉर्म में धँसाव दे दिया, जिससे टेकऑफ वाला भाग क्षणिक रूप से अटक गया। हालांकि राष्ट्रपति स्वयं सुरक्षित थीं और आगे उन्होंने रोड मार्ग से सबरीमाला की ओर बढ़ने में कोई बाधा नहीं पाई।

किस प्रकार हुआ हादसा और कारण क्या थे?


घटना के प्रमुख बिंदु निम्न हैं:

  • मूल रूप से हेलीकॉप्टर को Nilakkal के नजदीक लैंड कराया जाना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण लैंडिंग स्थल को बदला गया।

  • तात्कालिक तैयारी के तहत किया गया नया लैंडिंग पैड – Rajiv Gandhi Indoor Stadium, प्रामादम, पथानमथिट्टा में स्थित था।

  • इस हेलिपैड का कंक्रीट लेप (concrete surface) पूरी तरह सूखा नहीं था, यानी उसे सेट होने का पूरा समय नहीं मिला था। जमीन का वह भाग हेलीकॉप्टर के वजन को पूरी तरह सहन नहीं कर पाया जिसके कारण धँसाव (depression) बन गया।

  • लैंडिंग के बाद पुलिस एवं अग्निशमन बल तुरंत कार्रवाई में आए और मशीन को सुरक्षित निकालने में जुट गए।

  • इस कार्रवाई के बावजूद राष्ट्रपति की यात्रा में देरी या सुरक्षा संबंधी कोई बड़ी घटना नहीं हुई।

घटना के मायने, चिंताएँ और आगे की चुनौतियाँ


  • सुरक्षा और तैयारी:

    यह घटना दर्शाती है कि उच्च‑स्तरीय यात्राओं के दौरान भले ही सब कुछ योजनाबद्ध हो, लेकिन मौसम, स्थल‑आधारित तैयारियाँ, और तकनीकी इंतजाम कभी‑कभी समय से पहले या अधूरे हो सकते हैं। इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में खतरा नहीं हुआ, लेकिन एक इंफ्रास्ट्रक्चर‑चूक सामने आई।

  • भरोसे और सार्वजनिक दृष्टिकोण:

    जब देश के राष्ट्रपति जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति के लिए हेलिपैड तैयार किया जाता है और उस दौरान ऐसी कमी सामने आती है, तो यह जनमानस में सवाल खड़े करती है — क्या प्राथमिक तैयारियों में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया? इस प्रकार की घटनाएं सार्वजनिक भरोसे को भी प्रभावित कर सकती हैं।

  • आगे की चुनौतियाँ एवं सुधार की संभावना:

    उन क्षेत्रों में जहाँ उड़ान‑यात्राएँ और VIP आवाजाही होती है, वहां निर्धारित समय से पहले लैंडिंग संस्करण, स्थल‑प्रत्यय (site‑inspection), कंक्रीट/पाइलिंग का परीक्षण आवश्यक होगा। मौसम‑अनुकूल योजना और स्थायी लैंडिंग प्लेटफॉर्म के स्थानों की दोहरी जाँच होना चाहिए। घटना के बाद प्रशासन को यह निरीक्षण करना होगा कि क्या अन्य उच्च‑गुणवत्ता वाले लैंडिंग स्थलों में भी इसी तरह की कमी हो सकती है और समय रहते घनिष्ठ सुरक्षा निरीक्षण लागू किया जाना चाहिए।

  • विशेष रूप से राष्ट्रपति की यात्रा‑दृष्टि से:

    द्रौपदी मुर्मू देश के पहले आदिवासी‑पृष्ठभूमि वाली महिला राष्ट्रपति हैं और उनके दौरे विशेष रूप से प्रतीकात्मक महत्व रखते हैं। ऐसी स्थिति में इन्फ्रास्ट्रक्चर विफलता राजनीतिक तथा प्रतीकात्मक दोनों रूप से संवेदनशील हो सकती है।