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बिहार चुनाव 2025: सुपौल में कांग्रेस ने अनुपम को उम्मीदवार बनाया, नई सोच के साथ आगे बढ़ी पार्टी
19 Oct 2025

कांग्रेस ने अनुपम को उम्मीदवार बनाया
सुपौल विधानसभा क्षेत्र बिहार के सीमावर्ती जिलों में आता है और सामाजिक-राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय माना जाता है। यहां के लोग शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर जागरूक हैं। ऐसे में कांग्रेस का यह फैसला कि अनुपम को उम्मीदवार बनाया जाए, स्थानीय जरूरतों और जनभावनाओं से मेल खाता है। अनुपम की सामाजिक सक्रियता, युवाओं से जुड़ाव और साफ सोच उन्हें इस क्षेत्र के लिए एक उपयुक्त चेहरा बनाती है।
अनुपम एक सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया है और लंबे समय से युवाओं के बीच संवाद स्थापित करते रहे हैं। “राजनीति में नैतिकता लौटाओ” जैसे अभियानों के जरिए उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई है। उनका नारा “नई सोच, नया बिहार” युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है, जिसमें उन्होंने नेतृत्व, लोकतंत्र और सामाजिक बदलाव पर जोर दिया।
2024 में उन्हें “युवा प्रेरणा सम्मान” से नवाजा गया था, जो उनके सामाजिक नेतृत्व को मान्यता देता है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं जैसे स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना, स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना, और महिला सशक्तिकरण पर काम करना। वे मंचों पर लैंगिक समानता की वकालत करते रहे हैं और युवाओं को राजनीति में भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं।
हाल ही में उनका एक पुराना सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को “राष्ट्रीय आपदा” कहा था। हालांकि उन्होंने वह पोस्ट डिलीट कर दिया और कांग्रेस नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए एक नई शुरुआत की बात कही। इससे यह स्पष्ट होता है कि वे अपने विचारों में लचीलापन रखते हैं और पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस ने जब अनुपम को उम्मीदवार बनाया, तो यह सिर्फ एक नाम का ऐलान नहीं था यह पार्टी की सोच में बदलाव का संकेत था।
यह फैसला महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे के बाद लिया गया, जब कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी की। यह निर्णय ऐसे समय में आया जब बिहार की राजनीति सामाजिक न्याय, युवा नेतृत्व और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे के इर्द-गिर्द घूम रही थी। ऐसे माहौल में अनुपम को उम्मीदवार बनाया जाना कांग्रेस की रणनीति को नया आयाम देता है।
अनुपम की स्पष्टवादिता और स्वतंत्र सोच उन्हें पारंपरिक नेताओं से अलग करती है। वह मानते हैं कि राजनीति का उद्देश्य केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज का पुनर्निर्माण होना चाहिए। यही सोच उन्हें एक प्रभावशाली जनप्रतिनिधि बनने की दिशा में अग्रसर करती है। उनका राजनीतिक दृष्टिकोण पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसंपर्क पर आधारित है। वे सोशल मीडिया के जरिए युवाओं से लगातार संवाद करते हैं और जमीनी मुद्दों को उठाते हैं।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई और केंद्रीय नेतृत्व ने विचार-विमर्श के बाद उन्हें टिकट देने का निर्णय लिया। यह चयन कांग्रेस की नई रणनीति को दर्शाता है, जिसमें पारंपरिक राजनीति से हटकर नए और साहसी चेहरों को मौका दिया जा रहा है। यह बदलाव पार्टी के भीतर विचारों की विविधता को स्वीकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सुपौल जैसे जागरूक क्षेत्र में अनुपम जैसे प्रत्याशी कांग्रेस को नई ऊर्जा और जनता से गहरा जुड़ाव दिला सकते हैं। उनकी उम्मीदवारी न केवल चुनावी जीत की संभावना रखती है, बल्कि राजनीति में नैतिकता और पारदर्शिता की वापसी का प्रतीक भी बन सकती है। जब कांग्रेस ने अनुपम को उम्मीदवार बनाया, तो यह जनता की उस भावना को भी संबोधित करता है जो बदलाव की तलाश में है।
हालांकि अनुपम के सामने चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वाले इस युवा नेता को स्थानीय मुद्दों की गहराई से समझ बनानी होगी और जनता के विश्वास को जीतना होगा। उनके पुराने विवादित बयानों को लेकर विरोधी हमलावर है, जिससे उन्हें अपनी छवि को स्पष्ट और सकारात्मक बनाए रखना होगा। सुपौल जैसे जागरूक क्षेत्र में उनकी उम्मीदवारी कांग्रेस को नई ऊर्जा दे सकती है, बशर्ते वे जनता से जुड़ाव और पारदर्शिता को प्राथमिकता दें।
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