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Supreme Court ने Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी विरोधी याचिका की सुनवाई 29 अक्टूबर तक स्थगित की
16 Oct 2025

सोनम वांगचुक के वकील बहस करेंगे, और सर्वोच्च न्यायालय एक निष्पक्ष निर्णय लेगा।
- याचिका की पृष्ठभूमि
26 सितंबर, 2025 को सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक घटनाओं के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी, गीतांजलि जे. अंगमो ने सर्वोच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें गिरफ्तारी की वैधता, गिरफ्तारी का कारण नहीं बताने और संवैधानिक अधिकारों के अन्य उल्लंघनों के मुद्दे उठाए गए। - सुनवाई और तर्कों का स्थगन
अगली सुनवाई की तारीख 29 अक्टूबर, 2025 निर्धारित की गई है, क्योंकि याचिका में कुछ बदलाव करने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, जम्मू-कश्मीर सरकार और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह इसमें शामिल पक्षों की पृष्ठभूमि, दावों और प्रतिक्रियाओं के बारे में अधिक जानना चाहती है।
इस तरह, सोनम वांगचुक के पक्ष के पास अपना मामला तैयार करने का समय है, और अदालत सभी पक्षों को भी सुनेगी।
Sonam Wangchuk को मिलने वाली फौरी राहत और दलीलें
- फौरी राहत के पहलू
सुप्रीम कोर्ट ने Sonam Wangchuk को यह अनुमति दी है कि वह अपनी हिरासत संबंधी नोट्स अपनी पत्नी Gitanjali Angmo को साझा कर सके। हालांकि, किसी अंतरिम रिहाई का आदेश अभी नहीं दिया गया है। याचिका की सुनवाई के दौरान यह संभव हो सकता है। - दलील का स्वरूप
याचिका में कहा गया है कि गिरफ्तारी Sonam Wangchuk की जानकारी बिना उचित अधिसूचना के हुई और उन्हें अपने अवयवों (दवाएँ, कपड़े) की अनुमति नहीं दी गई। दलील यह भी है कि गिरफ्तारी अवधि में उन्हें परिवार या वकील से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी गई।
केंद्र और प्रशासन का तर्क है कि दंड प्रक्रिया मानदंडों का पालन हुआ, हिरासत के आधार स्पष्ट किए गए और सुरक्षा हितों को देखते हुए कार्रवाई की गई। अदालत इन दलीलों की विवेचना करेगी, और Sonam Wangchuk की ओर से पेश तर्कों को सुनने के बाद ही आगे का आदेश देगी।
Sonam Wangchuk मामले पर राजनीतिक दबाव और नागरिक प्रतिक्रियाएँ
- जन समर्थन और आंदोलन
उत्तराखंड में कई संगठन 26 अक्टूबर को बड़ी-scale विरोध रैली की घोषणा कर चुके हैं, Sonam Wangchuk की रिहाई की मांग को लेकर। कोल्हापुर, संबाजीनगर जैसे शहरों में प्रदर्शन हुए हैं, जहाँ समर्थक गांधीवादी चेतना से न्याय की माँग उठा रहे हैं। साथ ही कश्मीरी छात्रों ने जयपुर मेंठे प्रदर्शन कर Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी को गलत ठहराया। - प्रशासन और सरकारी प्रतिक्रिया
लद्दाख प्रशासन ने कहा है कि Sonam Wangchuk की हिरासत प्रक्रिया संवैधानिक रूप से पूरी की गई है, उन्हें हिरासत का कारण बताया गया और परिवार को सूचना दी गयी। प्रशासन ने यह भी जवाब दिया है कि आरोप लगाए गए हैं कि Sonam Wangchuk ने सार्वजनिक व्यवस्था को भड़काने वाले गतिविधियों में भागीदारी की है।
ये प्रतिक्रियाएँ यह दिखाती हैं कि मामला सिर्फ न्यायालय की सुनवाई तक सीमित नहीं – यह एक सार्वजनिक और राजनीतिक विवाद का विषय बन चुका है।