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Nepal Gen Z Protest: ओम प्रकाश आर्यल ने नेपाल के गृह मंत्री बनते ही ये 3 बड़े फैसले लिए
16 Sep 2025

नेपाल में हाल ही में “Nepal Gen Z Protest” ने राजनीतिक व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। सामाजिक‑मीडिया प्रतिबंधों, नौकरियों की कमी, भ्रष्टाचार और न्याय की अस्पष्टता से नाराज़ ज़ेनरेशन Z ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू किए, जिन्हें बाद में हिंसा, आत्माओं की बलि और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक संपत्ति की क्षति तक ले जाया गया।
इन घटनाओं के बाद, प्रधानमंत्री सुषिला कार्की ने एक अंतरिम सरकार बनाई जिसमें ओम प्रकाश आर्यल को गृह, कानून, न्याय एवं संसदीय मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया।
गृह मंत्री बनने के तुरंत बाद आर्यल ने “Nepal Gen Z Protest” से उत्पन्न जनता की आशाएँ और गुस्सा देखते हुए कुछ ठोस फैसले लिए हैं। निम्नलिखित तीन फैसले विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जा सकते हैं:
Gen Z मार्टर्स की घोषणा और क्षतिपूर्ति
गृह मंत्री बनने के बाद, ओम प्रकाश आर्यल ने निर्णय लिया कि Nepal Gen Z Protest के दौरान जिन लोगों की मौत हुई है, उन्हें “मार्टर्स” (शहीद) घोषित किया जाए।
इसके अलावा, मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी: एक मिलियन नेपाली रूपए प्रत्यक्ष सहायता के रूप में और 500,000 रूपए अंतिम संस्कार एवं अन्य खर्चों की मदद के लिए।
मृतकों के शवों को उनके गृह स्थानों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी, खासकर उन स्थानों से जहाँ पहुँच कठिन है।
साथ ही, घायल लोगों को नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराने और अंतिम संस्कार समारोह राज्य‑सम्मान के साथ कराये जाने का आदेश दिया गया।
राष्ट्रीय शोक दिवस और सार्वजनिक प्रतीकात्मक उपाय
दूसरे बड़े फैसले के अंतर्गत, गृह मंत्री आर्यल ने Nepal Gen Z Protest के प्रभाव को समझते हुए एक “राष्ट्रीय शोक दिवस” घोषित करने का निर्णय लिया।
इस दिन देश भर में झंडा आधा‑मस्तक होगा और सभी सरकारी भवनों में सार्वजनिक सम्मान दिखाया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, मृतकों एवं उनके परिवारों के प्रति सम्मान दिखाने के उद्देश्य से सार्वजनिक समारोह और स्मारक निर्माण की भी योजना बनाई जा रही है।
“Nepal Gen Z Protest” दौरान पुलिस या सुरक्षा बलों के व्यवहार की जांच और चुनाव की सुरक्षा
तीसरा और शायद सबसे संवेदनशील फैसला यह है कि Nepal Gen Z Protest के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा कथित अति प्रयोग (excessive force) के मामलों की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित किया जाएगा।
इस आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश को अध्यक्ष बनाया जाएगा, और आयोग की पूरी संरचना अभी तय हो रही है।
साथ ही आर्यल ने यह सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है कि आगामी चुनाव “समय पर, निष्पक्ष और स्वतंत्र वातावरण में” हों।
इस बीच सरकार द्वारा प्रदर्शन के दौरान हुए सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की मरम्मत, सड़कों और सरकारी कार्यालयों की पुनर्स्थापना, और प्रदर्शनकारियों‑पीड़ितों की पुनर्वास योजनाएँ भी प्राथमिकता प्राप्त करेंगी।