विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-रूस संबंधों पर किए गए तीखे हमलों को सिरे से खारिज किया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कहा कि भारत के द्विपक्षीय संबंध स्वतंत्र और भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि किसी तीसरे देश की नज़र से हमारे रिश्तों को नहीं देखा जाना चाहिए। जायसवाल ने कहा कि भारत और रूस के संबंध दशकों से स्थिर रहे हैं और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। रक्षा सहयोग पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की रक्षा आवश्यकताएं हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक आकलन के आधार पर तय होती हैं, न कि किसी बाहरी दबाव से।
विदेश मंत्रालय ने ट्रंप को दिया जवाब
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकोनॉमी' बताए जाने पर विदेश मंत्रालय ने संयमित लेकिन सख्त प्रतिक्रिया दी। प्रवक्ता ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ उस "ठोस एजेंडे" पर काम कर रहा है, जिसमें दोनों देशों की प्रतिबद्धता स्पष्ट है। जायसवाल ने कहा, "भारत-अमेरिका संबंध साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मजबूत संपर्कों पर आधारित हैं, और हमें विश्वास है कि यह साझेदारी आगे भी प्रगाढ़ होती रहेगी।
प्रवक्ता ने कहा, "ऊर्जा आपूर्ति को लेकर भारत का रुख स्पष्ट है। हम बाजार की स्थिति और उपलब्ध संसाधनों पर लगातार नज़र रखते हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के पास किसी तेल आपूर्ति बंद होने की विशेष जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि यूक्रेन युद्ध से पहले जहां भारत का रूसी तेल आयात 0.2% था, वहीं अब यह बढ़कर कुल आयात का 35-40% हो गया है, जिससे रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है।
ईरान से व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर भी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की मांग को लेकर व्हाइट हाउस की प्रवक्ता द्वारा दिए गए बयान पर जब सवाल पूछा गया, तो विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि,
"इसका जवाब व्हाइट हाउस ही दे सकता है।"