उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में शनिवार को केदार घाटी के पास बादल फटने की घटना से भारी तबाही मच गई। तेज़ बारिश के चलते आए मलबे में कई घर और वाहन दब गए हैं। प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, और मौके पर एनडीआरएफ व स्थानीय रेस्क्यू टीमें पहुंच चुकी हैं।
गौरतलब है कि इस समय पूरे उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने राज्य के कई ज़िलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में भी बारिश और भूस्खलन के कारण व्यापक क्षति हुई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी।
रुद्रप्रयाग ज़िले में बादल फटा, घर और गाड़ियां मलबे में दबीं
रुद्रप्रयाग की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पहाड़ों से भारी मलबा नीचे गिरता दिख रहा है। मलबे में कई गाड़ियाँ और घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त होते दिखाई दे रहे हैं। अभी तक नुकसान का पूरा आंकलन नहीं किया जा सका है, लेकिन स्थानीय लोग दहशत में हैं और हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं।
इसी बीच गौरीकुंड के पास केदारनाथ धाम जाने वाला पैदल मार्ग भी बाधित हो गया है। रास्ते में भारी मात्रा में मलबा और पत्थर जमा हो गए हैं, जिससे तीर्थयात्रा प्रभावित हो रही है।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और अनावश्यक रूप से यात्रा न करें।
तेज़ बारिश और आपदा के चलते स्थानीय व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जहां एक ओर मौसम की मार ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, वहीं दूसरी ओर यह प्राकृतिक आपदा आर्थिक रूप से भी ज़िला प्रभावित कर रही है।
हाल ही में मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और उधमसिंहनगर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। 'ऑरेंज अलर्ट' के मद्देनज़र देहरादून प्रशासन ने एहतियातन सभी कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश दिया है। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि खराब मौसम के दौरान किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।