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‘लोकतंत्र के लिए ख़तरा बन गई है SIR प्रक्रिया’, तेजस्वी यादव का EC पर गंभीर आरोप

 17 Jul 2025

बिहार में इन दिनों चुनाव आयोग स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन- SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को दुरुस्त करने की प्रक्रिया चला रहा है। इस कवायद का विपक्ष ने विरोध किया है, और अब आरजेडी नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इंटेंसिव रिवीजन से आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस तरीके से यह किया जा रहा है, वह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है।


SIR प्रक्रिया पर तेजस्वी यादव ने EC को घेरा

तेजस्वी यादव ने कहा, "हमने कई बार SIR प्रक्रिया को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बिहार बंद भी किया। विपक्ष के कई नेताओं ने इस पर चिंता जताई, लेकिन चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अब तक एक भी प्रेस वार्ता नहीं की।" तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि "मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार मीडिया से अनौपचारिक रूप से मिलते रहे हैं। हमें पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जो सूची सौंपी है, उसी को लागू करने की कोशिश हो रही है।"

तेजस्वी यादव ने जोर देकर कहा, "हम लोकतंत्र को समाप्त होते नहीं देख सकते। बिहार लोकतंत्र की जननी है, और हम हर स्तर पर इसकी रक्षा करेंगे।" उन्होंने बताया कि वे इस मुद्दे को हर मंच पर उठाएंगे। देशभर के बड़े नेताओं को पत्र लिखे जा रहे हैं और 19 जुलाई को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में भी वे यह मुद्दा प्रमुखता से उठाएंगे

वोटर लिस्ट से 35 लाख नाम हटाने की आशंका

तेजस्वी यादव ने दावा किया कि तीन दिन पहले सूत्रों से खबर मिली थी कि 35 लाख वोटरों के नाम लिस्ट से हटाए जा सकते हैं। हैरानी की बात यह है कि तीन दिन बाद चुनाव आयोग की तरफ से आए आधिकारिक बयान में भी ठीक वही संख्या बताई गई। अगर प्रक्रिया वाकई चल रही है, तो आंकड़ों में उतार-चढ़ाव होना चाहिए, लेकिन यहां कुछ भी नहीं बदला।