जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पर कांग्रेस के रुख का नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्वागत किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के पत्र को "सकारात्मक और समयोचित कदम" बताया।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन प्राप्त है, हालांकि पार्टी का कोई भी प्रतिनिधि वर्तमान में मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं है।
"यह हमारी पुरानी मांग है": उमर अब्दुल्ला
जम्मू जिले में एक सरकारी स्कूल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा,
"हम केंद्र सरकार से कोई ऐसी मांग नहीं कर रहे हैं, जिसका पहले से वादा नहीं किया गया हो। यह बात संसद, सुप्रीम कोर्ट और सार्वजनिक मंचों पर खुद केंद्र सरकार कह चुकी है कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा,
"जब सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर फैसला दिया था, तब भी उसने स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए। हम कह रहे हैं कि ‘जल्द से जल्द’ अब बहुत देर हो चुका है — अब और विलंब नहीं होना चाहिए।"
संसद में उठेगा पहलगाम हमले का मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस और विपक्षी दल पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार से जवाब मांग सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक इस विषय पर विपक्षी दलों के बीच कोई समन्वय बैठक नहीं हुई है।
बता दें कि 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों — जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। तभी से इस फैसले के खिलाफ राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग विभिन्न राजनीतिक दलों, विशेष रूप से नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी की ओर से की जा रही है।
ग़ौरतलब है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की। उन्होंने आग्रह किया कि संसद के मानसून सत्र में इस संबंध में विधेयक लाया जाए।