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'अमृतकाल में शिक्षकों पर केस, स्कूलों पर ताले' – अखिलेश यादव का योगी सरकार पर तंज
16 Jul 2025

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा पर कविता सुनाने वाले शिक्षक रजनीश गंगवार के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने को लेकर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने न सिर्फ शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाया, बल्कि राज्य में सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना को लेकर भी बीजेपी पर तंज कसा।
कांवड़ यात्रा पर क्या बोला अखिलेश यादव?
अखिलेश यादव ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा,
"शिक्षक पर FIR और शिक्षालय बंद हो रहे हैं… भाजपा के लिए क्या यही अमृतकाल है?"
यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के 5,000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की योजना बना रही है, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी पहले से ही विरोध जता रही है। अब शिक्षक के खिलाफ एफआईआर ने इस राजनीतिक विवाद को और तेज कर दिया है।
बरेली ज़िले के बहेड़ी क्षेत्र स्थित एक इंटर कॉलेज में कार्यरत शिक्षक रजनीश गंगवार का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में वह स्कूल की मॉर्निंग असेंबली के दौरान बच्चों को कांवड़ यात्रा से संबंधित एक कविता सुना रहे हैं। कविता में वह कहते हैं, "तुम कांवड़ लेने मत जाना, तुम ज्ञान का दीप जलाना..."
इस कविता को कुछ लोगों ने ‘धर्म विरोधी’ बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि इससे हिन्दू धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। शिकायत के आधार पर स्थानीय पुलिस ने शिक्षक रजनीश गंगवार के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।
हिन्दू संगठनों का आरोप है कि जब राज्य सरकार कांवड़ यात्रा को लेकर विशेष व्यवस्थाएं कर रही है, ऐसे में एक शिक्षक द्वारा इस तरह की कविता सुनाना “धार्मिक भावना को चोट पहुंचाना” है। उन्होंने कहा कि स्कूल जैसे संस्थान में ऐसी बातें बच्चों के बीच कहकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है, जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वहीं, इस एफआईआर को लेकर अब सिविल सोसाइटी और शिक्षकों के संगठन भी खुलकर सामने आ गए हैं। पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने एफआईआर को तुरंत रद्द करने की मांग की है। संगठन का कहना है कि शिक्षक की कविता में किसी भी धर्म, संप्रदाय या समुदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं है। यह विचारों की स्वतंत्रता का मामला है, जिसे इस तरह से अपराध मानना एक खतरनाक प्रवृत्ति को जन्म देता है।