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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: डोनाल्ड ट्रम्प शिक्षा विभाग को कर सकते हैं समाप्त

 15 Jul 2025

वैचारिक मतभेदों के बीच, अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शिक्षा विभाग को समाप्त करने की मंज़ूरी देते हुए एक निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें 1,400 कर्मचारियों की बहाली का निर्देश दिया गया था। सोमवार को अदालत ने प्रशासन के आपातकालीन अनुरोध को स्वीकार करते हुए उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमें कहा गया था कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा की गई छंटनी के चलते विभाग अमेरिकी कानूनों के तहत आवश्यक कर्तव्यों का पालन नहीं कर सकेगा। यह आदेश फिलहाल अस्थायी रहेगा और अपील प्रक्रिया के चलते मामला जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में कोई विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं दिया।

उदारवादी न्यायाधीशों की तीखी प्रतिक्रिया

फैसले के विरोध में अदालत की तीन उदारवादी जजों — सोनिया सोतोमायोर, एलेना कागन और केतनजी ब्राउन जैक्सन — ने असहमति जताई। न्यायमूर्ति सोतोमायोर ने बहुमत के फैसले को "अप्रतिरोध्य" बताते हुए लिखा कि इससे राष्ट्रपति को "कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक समूचे कर्मचारियों को हटाकर संस्थाओं को निष्प्रभावी करने की शक्ति मिल गई है।" उन्होंने चेतावनी दी, "बहुमत या तो जानबूझकर अपने फैसले के परिणामों को नजरअंदाज़ कर रहा है या अत्यधिक भोला है। दोनों ही स्थितियाँ संविधान के शक्तियों के पृथक्करण सिद्धांत के लिए गहरे संकट का संकेत हैं।"

डोनाल्ड ट्रम्प को मिल रही लगातार कानूनी छूट

यह फैसला पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य निर्णय की पुष्टि करता है जिसमें ट्रम्प को संघीय कार्यबल को व्यापक रूप से कम करने की अनुमति दी गई थी। 8 जुलाई के उस फैसले में प्रशासनिक एजेंसियों की वैधानिक स्थिति पर टिप्पणी नहीं की गई थी, लेकिन इस नए फैसले से ट्रम्प प्रशासन को ऐसी कार्रवाइयों पर कानूनी चुनौतियों से बचने में राहत मिल सकती है।  शिक्षा सचिव लिंडा मैकमोहन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति के पास संघीय एजेंसियों की संरचना और संचालन पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार है।"


गौरतलब है कि मैकमोहन ने 11 मार्च को विभाग की आधी जनशक्ति घटाने की घोषणा की थी। इसके बाद 20 मार्च को ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि मैकमोहन को कानून द्वारा अनुमत और उचित सीमा तक शिक्षा विभाग को बंद करने के सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इस कदम को लेकर दो अलग-अलग मुकदमे चल रहे हैं — एक डेमोक्रेट-शासित राज्यों द्वारा और दूसरा मैसाचुसेट्स की सार्वजनिक स्कूल प्रणालियों और शिक्षक यूनियनों द्वारा दायर। स्कूलों और यूनियनों की ओर से पैरवी कर रही संस्था 'डेमोक्रेसी फॉरवर्ड' की अध्यक्ष स्काई पेरीमैन ने कहा, "अदालत ने बिना कोई स्पष्टीकरण दिए सार्वजनिक शिक्षा के अमेरिकी वादे को एक गहरा झटका दिया है।"