बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR) अभियान की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। राज्य भर में मतदाता गणना प्रपत्र (ईएफ) जमा करने की अंतिम तिथि में महज 11 दिन शेष रह गए हैं। इस बीच बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा दो दौर की घर-घर जांच के बाद कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से अब तक 6.60 करोड़ से अधिक यानी लगभग 83.66% मतदाताओं से ईएफ फॉर्म इकट्ठा किए जा चुके हैं। राज्य चुनाव कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक की छानबीन में 1.59% मतदाता मृत पाए गए हैं, वहीं 2.2% लोग स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं। इसके अलावा 0.73% ऐसे मतदाता भी मिले हैं जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं। कुल मिलाकर करीब 4.52% नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की प्रक्रिया में हैं।
बिहार में SIR अभियान में 88.18% मतदाताओं की स्थिति स्पष्ट
इस व्यापक अभियान के चलते अब तक 88.18% मतदाताओं की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। इनमें वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अपने दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा कर दिया है, जिनका नाम वैध रूप से सूची में दर्ज है या जो स्थायी रूप से राज्य से बाहर चले गए हैं। अब केवल 11.82% मतदाता ही ऐसे बचे हैं जिनका ईएफ फॉर्म अभी तक जमा नहीं हुआ है। इनमें से भी कई लोगों ने निकट भविष्य में दस्तावेजों सहित फॉर्म जमा करने की मंशा जताई है।
चुनाव आयोग ने ऐसे सभी शेष मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे तय समय सीमा के भीतर अपने कागजातों के साथ ईएफ फॉर्म अवश्य भरें ताकि मतदाता सूची को अद्यतन किया जा सके और उसे अधिक पारदर्शी व त्रुटिरहित बनाया जा सके।
इस कवायद के तीसरे चरण में एक बार फिर लगभग 1 लाख BLO घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेंगे। इसके साथ ही राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त करीब 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) भी मैदान में उतर चुके हैं। प्रत्येक BLA प्रतिदिन औसतन 50 ईएफ फॉर्म जमा कर सत्यापित कर सकता है, जिससे अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
शहरी मतदाताओं और प्रवासी नागरिकों के लिए भी विशेष पहल की गई है। राज्य के 261 नगर निकायों के 5,683 वार्डों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं ताकि कोई भी पात्र शहरी मतदाता सूची से बाहर न रह जाए। वहीं, प्रवासी मतदाताओं तक पहुंचने के लिए अखबारों, सोशल मीडिया, सीधा संवाद और WhatsApp जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही ECINet ऐप और पोर्टल के जरिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी दी गई है।
इस अभियान को लेकर विपक्ष लगातार सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साध रहा है।
SIR अभियान विपक्ष का सवाल
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चेतावनी दी है कि यदि हर विधानसभा क्षेत्र से महज 1% मतदाताओं के नाम भी हटते हैं तो औसतन हर सीट से करीब 3,200 मतदाता कम हो जाएंगे। अब जब यह आंकड़ा 5% के पार जा चुका है, तो विपक्ष को आशंका है कि इसका सीधा असर चुनावी परिणामों पर पड़ेगा।
यह मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि मतदाताओं की पहचान केवल आधार कार्ड, राशन कार्ड या वोटर ID जैसे वैध दस्तावेजों के आधार पर ही सुनिश्चित की जाए इस पूरे मसले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को होनी है।