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मोहन भागवत की 75 की उम्र पर टिप्पणी से मचा सियासी भूचाल, राउत ने उठाया PM मोदी पर सवाल

 11 Jul 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने नेताओं के 75 वर्ष की आयु में पद छोड़ने की बात कहकर एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, "जब आप 75 वर्ष के हो जाते हैं, तो इसका मतलब है कि अब आपको रुक जाना चाहिए और दूसरों के लिए रास्ता बनाना चाहिए।" यह टिप्पणी दिवंगत संघ विचारक मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर की गई। 


मोहन भागवत ने पिंगले का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं को समय आने पर विनम्रता से पीछे कर लिया था, और यह संघ की परंपरा रही है कि जिम्मेदारी एक उम्र के बाद आगे बढ़ा दी जाती है। भागवत ने कहा, "जब 75 की उम्र में किसी को शॉल ओढ़ाई जाती है, तो उसका मतलब होता है कि अब थोड़ा किनारे हो जाना चाहिए।" 

मोहन भागवत के बयान पर विपक्ष के कसा तंज

मोहन भागवत के बयान के बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भविष्य को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने चुटकी लेते हुए कहा: "प्रधानमंत्री मोदी ने आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को 75 की उम्र के बाद रिटायरमेंट के लिए मजबूर किया। अब देखना यह है कि क्या वे खुद पर भी यही नियम लागू करते हैं?" कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: "यह दोहरे मानकों का उदाहरण है। पहले मार्गदर्शक मंडल बनाकर बुजुर्ग नेताओं को किनारे किया गया, लेकिन अब यह नियम शायद मौजूदा नेतृत्व पर लागू नहीं होगा।"

यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी की सेवानिवृत्ति को लेकर चर्चा हुई हो। मार्च 2025 में भी संजय राउत ने दावा किया था कि मोदी का नागपुर दौरा आरएसएस मुख्यालय में उनके भविष्य और उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा से जुड़ा था। हालांकि, भाजपा ने उस समय इन सभी अटकलों को खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो जाएंगे, जबकि मोहन भागवत 11 सितंबर को इसी उम्र सीमा को पार करेंगे।