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तेलंगाना सरकार का ऐलान: निकाय चुनाव में पिछड़े वर्गों को मिलेगा 42% आरक्षण
11 Jul 2025

तेलंगाना सरकार ने स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों (BC) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ए.रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में गुरुवार, 10 जुलाई को आयोजित मंत्रिमंडल की 19वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह फैसला राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए रास्ता साफ करता है, जिन्हें अगले तीन महीनों के भीतर कराने का निर्देश उच्च न्यायालय पहले ही दे चुका है।
तेलंगाना सरकार 2018 के नियम में करेगी संसोधन
बीआर अंबेडकर तेलंगाना राज्य सचिवालय में हुई इस बैठक में पिछली कैबिनेट बैठक की कार्रवाई की समीक्षा के साथ-साथ स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करने के कानूनी पक्ष पर भी चर्चा की गई। बैठक में एडवोकेट जनरल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था ताकि आगामी चुनावों में कानूनी अड़चनों से बचा जा सके। राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि 2018 में पारित स्थानीय निकाय आरक्षण अधिनियम में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लाया जाएगा। इससे पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को कानूनी वैधता मिलेगी और चुनाव प्रक्रिया बिना रुकावट के आगे बढ़ सकेगी।
पिछड़े वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने कहा कि कई राज्यों में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है, जिनमें भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। ऐसे में तेलंगाना में 42 प्रतिशत आरक्षण देना संविधान या न्यायिक दायरे के बाहर नहीं है।
राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि इससे पहले भी विधानसभा ने पिछड़े वर्गों के लिए 42% आरक्षण संबंधी विधेयक पारित किया था और उसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया था, लेकिन वह प्रक्रिया अधूरी रह गई थी। इस बार सरकार पूरी तैयारी और कानूनी सलाह के साथ आगे बढ़ रही है।