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CM सिद्धारमैया की पत्नी को नोटिस भेजने का निर्देश, MUDA केस पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फ़ैसला

 11 Jul 2025

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बी.एम. पार्वती को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की ओर से दायर उस याचिका पर आया है, जिसमें MUDA घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग की गई है। याचिका में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को प्रथम और उनकी पत्नी पार्वती को द्वितीय आरोपी बनाया गया है। 


 कर्नाटक हाईकोर्ट का MUDA केस पर फ़ैसला

अदालत को सूचित किया गया कि अब तक पार्वती को नोटिस नहीं भेजा गया है, जिस पर खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों से देरी का कारण पूछा और नोटिस जारी करने का आदेश दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी.एम. जोशी की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए। साथ ही पीठ ने उस अपील याचिका की भी समीक्षा की जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति को चुनौती दी है। 

अब यह मामला 4 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। MUDA घोटाले में सिद्धारमैया की पत्नी पर मैसूर में 14 भूखंडों के कथित अवैध आवंटन का आरोप है। जब मामला सुर्खियों में आया, तब उन्होंने स्वयं इन साइटों को MUDA को वापस कर दिया था। न्यायालय के ताजा निर्देश के तहत बीएम पार्वती को अब कानूनी प्रतिनिधित्व के माध्यम से अदालत में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। 

 यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के भीतर नेतृत्व को लेकर खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच कथित मतभेद की चर्चा ज़ोरों पर है। दोनों नेता इस वक्त दिल्ली में हैं और पार्टी आलाकमान से मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें अदालत के आदेश की जानकारी नहीं है और वे इस मामले में पूरी जानकारी जुटाने के बाद प्रतिक्रिया देंगे। फिलहाल मामला 4 सितंबर तक टलने से मुख्यमंत्री को कुछ राहत मिली है, जिससे वे पार्टी आलाकमान के सामने स्थिति स्पष्ट करने के लिए समय ले सकते हैं।