हिमाचल प्रदेश इस समय प्राकृतिक आपदा की गंभीर मार झेल रहा है। मंडी, कुल्लू और अन्य पर्वतीय इलाकों में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे संकट के दौर में अब राज्य में सियासी बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है।
राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री और राजस्व एवं बागवानी विभाग के प्रभारी जगत सिंह नेगी ने मंडी लोकसभा सीट से सांसद और भाजपा नेता कंगना रनौत पर बड़ा हमला बोला है।उन्होंने कहा,
"अगर कंगना अपने सांसद पद की जिम्मेदारियों से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि कोई ज़मीनी और संवेदनशील नेता लोगों की सेवा कर सके।"
कंगना रनौत के बयान से भड़की कांग्रेस
दरअसल, कुछ दिन पहले कंगना रनौत ने आपदा प्रभावित मंडी ज़िले का दौरा किया था। दौरे के दौरान उन्होंने मीडिया से कहा,
"राहत और बचाव कार्य करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। एक सांसद के तौर पर मेरा काम सिर्फ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्थिति से अवगत कराना है और केंद्र से मदद की मांग करना है। मेरे पास कोई प्रशासनिक अधिकार नहीं है। मैं डीसी के साथ बैठक कर सकती हूं, जानकारी साझा कर सकती हूं।" कंगना के इस बयान को लेकर राज्य सरकार और कांग्रेस नेताओं में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। उनका आरोप है कि आपदा की इस घड़ी में कंगना ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।
मंडी में तबाही का मंजर
हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में हालिया आपदा ने कहर बरपाया है। प्रशासन के मुताबिक, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 27 लोग लापता हैं। कई गांवों का संपर्क टूट गया है और 5 से अधिक लोग घायल हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और कठिन भूगोल के कारण अभियान में कई बाधाएं आ रही हैं।