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उत्तर प्रदेश विधानसभा: सपा से निष्कासित तीन विधायक घोषित हुए असंबद्ध, अब सदन में अलग बैठेंगे
10 Jul 2025

उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने समाजवादी पार्टी (SP) से निष्कासित तीन विधायकों- मनोज कुमार पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह को असंबद्ध विधायक घोषित कर दिया है। इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है। अब इन तीनों को विधानसभा में सपा विधायकों के साथ नहीं बैठाया जाएगा और उनके लिए अलग से बैठक व्यवस्था की जाएगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में असंबद्ध तीन विधायक
गौरतलब है कि बीते साल राज्यसभा चुनाव के दौरान इन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा उम्मीदवारों को समर्थन दिया था। पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए कार्रवाई की थी। रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय ने लोकसभा चुनाव से पहले ही सपा छोड़ दी थी। राज्यसभा चुनाव के दौरान उनके भाजपा से करीबी संबंध खुलकर सामने आए थे। रायबरेली से लोकसभा टिकट की चर्चा में उनका नाम भी आया, लेकिन टिकट दिनेश प्रताप सिंह को मिला। इसके बाद पांडेय ने प्रचार से दूरी बनाए रखी थी। बताया गया कि नाराजगी के चलते गृहमंत्री अमित शाह ने खुद उनके घर जाकर मुलाकात की, जिसके बाद वे भाजपा के लिए प्रचार में उतरे।
तीनों विधायकों की बगावत पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा था। उन्होंने कहा, "उन्हें मंत्री बनाने में तकनीकी दिक्कत थी क्योंकि वे सपा विधायक थे। अब हमने वह दिक्कत दूर कर दी है। अब भाजपा की जिम्मेदारी है कि उन्हें मंत्री बनाए।" अखिलेश ने यह भी जोड़ा कि आगे हम कुछ और विधायकों को इसी तरह भेज देंगे ताकि भाजपा उन्हें मंत्री बना सके।
असंबद्ध विधायक का क्या मतलब होता है?
असंबद्ध घोषित किए गए विधायक अब किसी भी राजनीतिक दल का आधिकारिक प्रतिनिधित्व नहीं करते। इसका मतलब है कि वे समाजवादी पार्टी के किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते, न ही विधानसभा में पार्टी की ओर से बोल सकते हैं। सदन में उनकी पहचान अब एक स्वतंत्र विधायक के रूप में होगी। इस बदलाव का असर उनकी विधानसभा में बैठने की व्यवस्था, बोलने के समय और विभिन्न संसदीय समितियों में भागीदारी पर भी पड़ेगा।