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‘मराठियों से नहीं, राज ठाकरे से दिक्कत है’ - निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

 09 Jul 2025

महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे पर तीखा हमला बोला। मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा हाल ही में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद दुबे ने राज ठाकरे को "गुंडागर्दी का प्रतीक" बताते हुए कहा कि यह सब मुंबई नगर निगम चुनाव में हार के डर से किया जा रहा है।


एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए निशिकांत दुबे ने लिखा, “राज ठाकरे जब जनसमर्थन नहीं जुटा पाते, तो अपने गुंडों को आगे कर देते हैं। इसका मतलब साफ है कि गुंडागर्दी ही उनका असली एजेंडा है, जिसे वे चुनावी हार के डर से अंजाम देते हैं।” दुबे ने कहा कि अब "सहनशीलता की सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं" और इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

निशिकांत दुबे ने मराठा समुदाय को सम्मान देते हुए कहा कि उन्हें राज ठाकरे की राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “मराठा समुदाय हमेशा से सम्माननीय रहा है। मैं जिस क्षेत्र से सांसद हूं, वहां मराठा नेता मधु लिमये तीन बार चुने गए थे। हमने इंदिरा गांधी के खिलाफ भी एक मराठा को लोकसभा में पहुंचाया था। ठाकरे को अपनी लड़ाई मराठा पहचान से जोड़ने से बचना चाहिए।” राज ठाकरे द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को कथित रूप से “मारो लेकिन वीडियो मत बनाओ” जैसे निर्देश देने पर पलटवार करते हुए दुबे ने कहा, “अगर हिम्मत है तो हिंदी नहीं, उर्दू, तमिल, तेलुगू बोलने वालों को भी मारो। महाराष्ट्र से बाहर निकल कर उत्तर प्रदेश, बिहार या तमिलनाडु आओ, वहां जनता पटक-पटक के जवाब देगी।”

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने निशिकांत दुबे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “दुबे हिंदीभाषियों के प्रवक्ता नहीं हैं। उनके मन में मराठियों के लिए गहरी घृणा है। उनकी जिम्मेदारी बिहार की है, लेकिन वे महाराष्ट्र में नफरत फैलाने की राजनीति कर रहे हैं। तोड़ो और चुनाव जीतो, यही इनका तरीका है।” इस विवाद के बीच वर्ली स्थित उद्यमी सुशील केडिया के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले में मनसे के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धाराएं 223, 189(2), 189(3), 190, 191(2), 191(3), और 125 के तहत केस दर्ज किया गया है।