ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह द्वारा चीन को लेकर किए गए खुलासों ने एक बार फिर राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस बयान के आधार पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने सार्वजनिक मंच पर वही बातें कही हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के समापन के बाद से व्यापक रूप से मानी जा रही थीं। सच्चाई यह है कि भारत वास्तव में पाकिस्तान से नहीं, बल्कि चीन से लड़ रहा था।"
जयराम रमेश ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने के पीछे अमेरिका और विशेष रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हस्तक्षेप था। उन्होंने कहा, "पाकिस्तानी एयरफोर्स को चीन द्वारा प्रबंधित किया जा रहा था। यह तथ्य उतना ही अहम है जितना कि भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान द्वारा सिंगापुर में किया गया खुलासा।"
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चीन द्वारा उत्पन्न खतरों पर पर्याप्त गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा, "चीन सिर्फ पाकिस्तान की वायुसेना को समर्थन नहीं दे रहा, वह अब पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ त्रिपक्षीय रणनीतिक बातचीत भी कर रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। "चीन की सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस पर मौन है। कांग्रेस पार्टी संसद में इस मुद्दे पर पूर्ण बहस की मांग करती रहेगी, ताकि इन खतरों से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय सहमति विकसित की जा सके।"
गौरतलब है कि लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं में 81% हथियार चीन निर्मित हैं। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने जिन हथियारों का प्रयोग किया, वे अधिकांश चीनी थे। चीन ने संघर्ष को एक ‘लाइव लैब’ की तरह इस्तेमाल किया, ताकि वह अपने हथियार प्रणालियों की प्रभावशीलता को परख सके।"
उन्होंने यह भी बताया कि संघर्ष के दौरान तुर्किए ने भी पाकिस्तान को न केवल ड्रोन और हथियार दिए, बल्कि प्रशिक्षित सैनिकों के ज़रिए भी सहायता दी।