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JNU छात्र नजीब अहमद लापता मामला बंद, कोर्ट ने CBI की रिपोर्ट को दी स्वीकृति
01 Jul 2025

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को केस बंद करने की अनुमति दे दी है। अदालत ने सीबीआई की ओर से 2018 में दायर की गई क्लोज़र रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, जिसमें यह उल्लेख था कि नजीब की तलाश में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा।
नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गया था। यह घटना उस झड़प के अगले ही दिन हुई थी, जिसमें उसका कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कुछ सदस्यों से विवाद हुआ था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी ने सोमवार को सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट को मंजूरी दी, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में कोई नया साक्ष्य सामने आता है, तो मामला फिर से खोला जा सकता है।
शुरुआती जांच दिल्ली पुलिस द्वारा की गई थी, लेकिन बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। जांच एजेंसी ने अक्टूबर 2018 में मामले की पड़ताल बंद कर दी थी और हाईकोर्ट की अनुमति के बाद क्लोज़र रिपोर्ट अदालत में दाखिल की थी। रिपोर्ट में कहा गया कि तमाम प्रयासों के बावजूद नजीब का कोई सुराग नहीं मिला।
नजीब की मां फातिमा नफीस के वकील ने जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने इस मामले को "राजनीतिक रंग" देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सीबीआई उच्च राजनीतिक दबाव के आगे झुक गई।
अब जबकि अदालत ने सीबीआई को केस बंद करने की इजाजत दे दी है, नजीब अहमद की गुमशुदगी का रहस्य आज भी अनसुलझा बना हुआ है।