बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 2014, 2018 और 2024 के आम चुनावों में कथित अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और सरकारी तंत्र की भूमिका की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह भविष्य में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुझाव दे।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, इस समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शमीम हसनैन करेंगे। समिति को आगामी 30 सितंबर, 2025 तक अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी है।
सरकारी बयान में कहा गया है कि तीनों आम चुनावों के दौरान कानून का शासन, लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नागरिकों के मौलिक अधिकार गंभीर रूप से प्रभावित हुए। इन चुनावों में व्यापक गड़बड़ियों के आरोप लगे, जिनके तहत सत्तारूढ़ अवामी लीग को सत्ता में बनाए रखने के लिए चुनाव प्रक्रिया को कथित रूप से प्रभावित किया गया।
समिति चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता की जांच के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की रिपोर्टों, सिविल सोसायटी संगठनों की टिप्पणियों, मीडिया कवरेज और विशेषज्ञों की राय का विश्लेषण करेगी। साथ ही, उस वक्त की सत्तारूढ़ पार्टी और उससे जुड़े संगठनों की राजनीतिक भागीदारी में बाधा पहुंचाने वाली गतिविधियों को भी जांच के दायरे में लाया जाएगा।
इसके अलावा, चुनाव आयोग, प्रशासन, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और आयोग सचिवालय की भूमिका की गहराई से समीक्षा की जाएगी।
समिति यह भी देखेगी कि चुनाव आयोग की ओर से कोई आर्थिक गड़बड़ी तो नहीं हुई, और यदि हुई तो उसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। अंततः समिति यह सिफारिश देगी कि कानूनी, संस्थागत और प्रक्रियागत बदलावों के जरिए चुनाव प्रणाली को कैसे अधिक स्वतंत्र, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया जा सकता है। सरकार ने समिति को यह अधिकार भी दिया है कि वह किसी भी कार्यालय से दस्तावेज मांग सकती है, किसी भी व्यक्ति से पूछताछ कर सकती है और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त विशेषज्ञों को भी समिति में शामिल कर सकती है।