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घर की आस अब लग्ज़री बन गई है, गरीबों से छीना गया हक़: राहुल गांधी का आरोप

 26 Jun 2025

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने घरों की लगातार बढ़ती कीमतों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने मुंबई में घरों की पहुंच से बाहर होती लागत को लेकर एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि आज के दौर में गरीबों और मध्यम वर्ग से सपने देखने का भी अधिकार छीन लिया गया है। 


राहुल गांधी ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा, “हां, आपने सही पढ़ा। और अगर यकीन नहीं हो रहा, तो दोहरा देता हूं — मुंबई में घर खरीदने के लिए भारत के सबसे अमीर 5% लोगों को भी 109 साल तक अपनी आमदनी का 30% बचाना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि यही हाल देश के अधिकांश बड़े शहरों का है, जहां लोग अवसर और सफलता की तलाश में संघर्ष करते हैं, लेकिन घर खरीद पाना एक दूर का सपना बन चुका है। राहुल गांधी ने आगे लिखा: “गरीब और मध्यम वर्ग की विरासत में दौलत नहीं, बल्कि जिम्मेदारियां होती हैं — बच्चों की महंगी पढ़ाई, इलाज की चिंता, माता-पिता की देखभाल, और एक छोटी सी गाड़ी खरीदने का संघर्ष। फिर भी उनके दिल में एक सपना पलता है — 'एक दिन... एक घर अपना होगा।' लेकिन अब, जब यह ‘एक दिन’ भी अमीरों से 109 साल दूर हो, तो समझिए गरीबों से सपनों का भी हक छीन लिया गया है।”

उन्होंने सरकार की विकास नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, “हर परिवार को एक सुरक्षित घर चाहिए — चार दीवारें और सिर पर छत। लेकिन अफसोस, आज उसकी कीमत इतनी है कि पूरी जिंदगी की कमाई और मेहनत भी कम पड़ जाती है।” उन्होंने लिखा, “जब अगली बार कोई आपको GDP के आंकड़ों की चकाचौंध दिखाए, तो आप उन्हें अपने घरेलू बजट की सच्चाई दिखाएं — और पूछें, यह अर्थव्यवस्था किसके लिए है?”