Article

सीजफायर पर बोलीं महबूबा मुफ्ती: ‘ईरान ने अमेरिका और इजरायल को दिखाया आइना’

 24 Jun 2025

ईरान और इजरायल के बीच लगातार जारी तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा की है। ट्रंप ने कहा कि छह घंटे के भीतर दोनों देश युद्ध विराम लागू करेंगे। हालांकि, इसी बीच ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागीं और यह स्पष्ट किया कि यदि आगे कोई हमला नहीं होता, तो वह भी सीजफायर का पालन करेगा। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ईरान की जनता, सेना और नेतृत्व की जमकर सराहना की।


न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा, “जिस जज़्बे और साहस से ईरान ने इस संघर्ष का सामना किया, वह सराहनीय है। उनके पास न तो आधुनिक हथियार थे, न ही परमाणु शक्ति। उनका सबसे बड़ा हथियार उनका ईमान है, शहादत का जज़्बा है। मुझे विश्वास है कि ईरान ने अमेरिका जैसे सुपरपावर के दोस्त इजरायल को घुटनों पर ला खड़ा किया है। अमेरिका की इच्छा के विपरीत, इस्लामी दुनिया में ईरान का प्रभाव अब और भी बढ़ गया है।”

मुफ्ती ने अमेरिका की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा, “अमेरिका ने इजरायल के कहने पर ईराक, अफगानिस्तान, लीबिया और सीरिया जैसे देशों को तबाह कर दिया। यह सब लोकतंत्र के नाम पर किया गया। पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की एक प्रतिष्ठा हुआ करती थी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका की साख को गहरा धक्का लगा है। ट्रंप क्या कहते हैं, क्या करते हैं, खुद अमेरिका के लिए और दुनिया के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है। यह पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है।”

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ईरान ने स्पष्ट रूप से शर्त रखी कि यदि इजरायल हमले नहीं करेगा, तभी वह भी सीजफायर में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि इससे यह साफ है कि अमेरिका और इजरायल खुद युद्ध विराम चाहते थे। उन्होंने कहा,  “सीजफायर लागू कराने के लिए ट्रंप को कतर की मदद लेनी पड़ी। यह एक मुबारक दिन है।" महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि भारत और पाकिस्तान भी हाल ही में युद्ध जैसे हालात के करीब पहुंच गए थे। “इन सभी घटनाओं में अमेरिका की भूमिका अहम रही है – चाहे वह प्रत्यक्ष हो या परोक्ष। अमेरिका ही इन संघर्षों की शुरुआत करता है। लेकिन इस बार चीन और रूस ने सकारात्मक भूमिका निभाई और ईरान का समर्थन किया। उन्होंने अमेरिका को यह संदेश दिया है कि जिसे आप तबाह करना चाहते हैं, हम उसके साथ खड़े हैं।”