ईरान और इज़रायल के बीच जारी सैन्य संघर्ष के चलते पैदा हुए असुरक्षित हालातों को देखते हुए भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को स्वदेश लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंधु’ नाम दिया गया है, जिसकी आधिकारिक जानकारी ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को साझा की।
दूतावास के मुताबिक, ईरान सरकार इस मानवीय मिशन में भारत का पूर्ण सहयोग कर रही है और भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस भी खोल दिया गया है।
भारतीय दूतावास ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के ज़रिए बताया, “भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कृपया सभी भारतीय नागरिक हमारे द्वारा साझा किए गए आपातकालीन नंबरों और टेलीग्राम चैनल के माध्यम से संपर्क बनाए रखें।” दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि सूचना और समन्वय के लिए एक टेलीग्राम चैनल भी सक्रिय किया गया है, जहां से नागरिक ताजा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भारत सरकार ने मानवीय आधार पर अपने पड़ोसी देशों नेपाल और श्रीलंका के उन नागरिकों को भी रेस्क्यू करने का निर्णय लिया है जो वर्तमान में ईरान में फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास ने एक और पोस्ट में कहा, “नेपाल और श्रीलंका के नागरिक भी हमारे टेलीग्राम चैनल या आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं।”
यह कदम दोनों देशों की सरकारों के अनुरोध पर उठाया गया है, जो भारत की क्षेत्रीय संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को दर्शाता है।
भारत का विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास इस पूरी प्रक्रिया की घटनाक्रम-दर-घटनाक्रम निगरानी कर रहे हैं। दूतावास ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे हालात की गंभीरता को समझें, सतर्क रहें और समय पर दूतावास के निर्देशों का पालन करें।
भारत सरकार का कहना है कि उसकी पहली प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। यही वजह है कि तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए यह मिशन शुरू किया गया है।