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बेरोजगारी पर यूपी सरकार का मौन खतरनाक, चुनाव में बनेगा "पढ़ाई कमाई दवाई" का मुद्दा- अनुपम

 07 Jun 2021

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर युवाओं द्वारा 'यूपी बेरोजगार दिवस' मनाने से सरकार बौखला गयी है। इसलिए आनन फानन में रोज़गार के मुद्दे पर कुछ न कुछ नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है और रोज़गार पर भ्रामक दावे किए जा रहे हैं। 

ऐसा कहना है 'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम का जिनके संगठन के आह्वाहन पर यह सफल मुहिम चलायी गयी। अनुपम ने कहा कि झूठे प्रचार से जनता को गुमराह करना इस सरकार की फितरत हो गयी है। हर बार जब सरकार से सवाल पूछे जाते हैं तो जवाब देने की बजाए ये लोग झूठ बोलने की तीव्रता बढ़ा लेते हैं।

बीते 5 जून को युवाओं ने 10 लाख से ज्यादा ट्वीट कर मुख्यमंत्री के जन्मदिन को 'बेरोज़गारी दिवस' के रूप में मनाया। जिसके तुरंत बाद यूपी गवर्नमेंट के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रोज़गार मिशन चलाये जाने की बात कही गयी। इतना ही नहीं, सोमवार 7 जून को सीएम योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 4 साल में 4 लाख रोजगार देने की न्यूज क्लिप लगाई गयी जिसके बाद 'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय समन्वयक गोविंद मिश्रा ने सरकार को उन्हीं की भाषा में जवाब देते हुए कहा कि

"कमाल का झूठ है ये तो!

अखबार और झूठे प्रचार के माध्यम से कई बार 4 लाख नौकरियां देने का दावा किया गया लेकिन जब RTI से पूछा गया कि किन विभागों में कितनी नौकरियां दी गईं तो सरकार के पास कोई आंकड़ा ही नहीं था।

#यूपीबेरोजगारदिवस से बौखलाई सरकार फिर झूठे आंकड़े पेश कर रही है!"

बताते चलें कि फरवरी माह में 'युवा हल्ला बोल' के अनुपम और गोविंद मिश्रा ने लखनऊ में प्रेस वार्ता करके सरकार को उनके भ्रामक दावों पर घेरा था। तब से ही प्रदेश सरकार हरकत में है और लगातार किसी न किसी तरीके से रोज़गार पर झूठा प्रचार कर रही है। इन्हीं कारणों से उत्तर प्रदेश में 'युवा हल्ला बोल' ने नारा दिया है कि "झूठा प्रचार नहीं, सच्चा रोज़गार" चाहिए युवाओं को। मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर युवाओं ने लाखों ट्वीट के जरिए #यूपीबेरोजगारदिवस को दुनिया भर में ट्रेंड करवाया और रोज़गार के सवाल पर उत्तर प्रदेश की बदहाली पर एक नयी बहस छेड़ दी।

'युवा हल्ला बोल' के प्रदेश प्रभारी रजत यादव ने 'यूपी बेरोज़गार दिवस' पर सरकार की प्रतिक्रिया को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अभी भी यह सरकार सच का सामना करने को तैयार नहीं है। शायद इन्हें अंदाज़ा नहीं कि युवाओं की अनदेखी करना और बेरोज़गारी पर गंभीर न होना सरकार को कितना भारी पड़ सकता है। रजत ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार अगर इसी रवैय्ये पर कायम रही तो आगामी विधानसभा चुनाव में "पढ़ाई कमाई दवाई" को बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा।