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लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे बड़ा खर्च बीजेपी का, कांग्रेस रही दूसरे स्थान पर- ADR रिपोर्ट
21 Jun 2025

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2024 के लोकसभा और साथ में हुए विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक धनराशि खर्च की। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने ₹1,494 करोड़ खर्च किए, जो कुल चुनावी खर्च का 44.56% है। खर्च के मामले में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही, जिसने ₹620 करोड़ खर्च किए—यह कुल खर्च का लगभग 18.5% है।
रिपोर्ट में 16 मार्च से 6 जून 2024 के बीच हुए लोकसभा चुनाव और चार राज्यों आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के व्यय का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। कुल मिलाकर, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने इन चुनावों के दौरान ₹3,352.81 करोड़ खर्च किए। इसमें राष्ट्रीय दलों का हिस्सा ₹2,204 करोड़ रहा, जो कुल व्यय का लगभग दो-तिहाई (65.75%) है। चुनाव प्रचार पर खर्च को प्राथमिकता मिली। सभी दलों ने मिलकर प्रचार-प्रसार में ₹2,008 करोड़ खर्च किए, जो कुल चुनावी खर्च का 53% से भी अधिक है। इसके बाद सबसे अधिक राशि यात्रा व्यय में गई, जो ₹795 करोड़ रही। यह राशि मुख्य रूप से स्टार प्रचारकों की यात्राओं पर खर्च हुई, जिन पर अकेले ₹765 करोड़ खर्च किए गए। पार्टी कार्यकर्ताओं और अन्य प्रचारकों के यात्रा व्यय पर महज ₹30 करोड़ खर्च किए गए।
ADR की रिपोर्ट से यह भी सामने आया कि राष्ट्रीय दलों ने चुनावों के दौरान ₹6,930 करोड़ की फंडिंग जुटाई, जबकि क्षेत्रीय दलों को महज ₹515 करोड़ ही मिले। यानी कुल चुनावी फंडिंग का 93% से अधिक हिस्सा राष्ट्रीय दलों को प्राप्त हुआ। उम्मीदवारों को नकद या एकमुश्त सहयोग के रूप में ₹402 करोड़ दिए गए, वहीं डिजिटल और वर्चुअल प्रचार पर ₹132 करोड़ का व्यय हुआ। इसके अतिरिक्त, उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के प्रकाशन पर भी ₹28 करोड़ खर्च किए गए।
रिपोर्ट में यह चिंता भी जताई गई कि कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को समय पर खर्च का ब्यौरा नहीं दिया। आयोग के नियमों के अनुसार, चुनाव खत्म होने के 90 दिनों के भीतर यह रिपोर्ट जमा कराना अनिवार्य है। हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 168 दिन बाद अपना ब्योरा दिया, जबकि बीजेपी की रिपोर्ट में भी 139 से 154 दिनों की देरी हुई। इन सबके बीच केवल कांग्रेस ही ऐसी पार्टी रही जिसने लोकसभा और विधानसभा चुनावों दोनों का लेखा-जोखा समयसीमा के भीतर प्रस्तुत किया।
ADR ने यह भी उल्लेख किया कि कई दलों की खर्च रिपोर्टें चुनाव आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। इनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और शिवसेना (यूबीटी) जैसी पार्टियां शामिल हैं। वहीं, कुछ दलों—जैसे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और केरल कांग्रेस (एम)—ने चुनाव लड़ने के बावजूद अपने खर्च को ‘शून्य’ बताया है।