रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को एक अहम पहल करते हुए कहा कि मॉस्को ईरान और इज़राइल के बीच जारी सैन्य टकराव में मध्यस्थता करने को तैयार है। पुतिन ने कहा कि रूस एक ऐसा समझौता कराने में मदद कर सकता है, जिससे ईरान शांतिपूर्ण रूप से अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रख सके और साथ ही इज़राइल की सुरक्षा चिंताओं का भी समाधान हो।
सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम से इतर मीडिया से बातचीत में पुतिन ने कहा,
"यह बेहद संवेदनशील मामला है, लेकिन मुझे विश्वास है कि इसका समाधान संभव है।"
पुतिन ने बताया कि रूस ने यह प्रस्ताव ईरान, इज़राइल और अमेरिका—तीनों देशों को भेज दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया,
"हम किसी पर कोई चीज़ थोप नहीं रहे हैं। हम केवल बातचीत की पहल करना चाहते हैं, ताकि यह देखा जा सके कि मौजूदा हालात से बाहर निकलने का क्या रास्ता हो सकता है। अंतिम निर्णय संबंधित देशों के नेतृत्व को ही लेना है।"
रूस के पश्चिम एशियाई देशों के साथ लंबे समय से मधुर संबंध रहे हैं, जो उसे इस संवेदनशील मुद्दे में एक प्रभावशाली मध्यस्थ बना सकते हैं। उल्लेखनीय है कि ईरान के बुशेहर परमाणु संयंत्र की स्थापना में भी रूस की प्रमुख भूमिका रही है और फिलहाल रूस के करीब 200 तकनीकी विशेषज्ञ वहां दो और रिएक्टर विकसित करने में सहायता कर रहे हैं।
राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी तारीफ़ की और कहा कि अगर ट्रंप 2022 में सत्ता में होते, तो शायद रूस-यूक्रेन युद्ध की नौबत नहीं आती। उन्होंने ट्रंप के ‘शांति स्थापना’ के वादे का समर्थन करते हुए कहा कि पश्चिम एशिया में भी अमेरिका की भूमिका अहम है।
हालांकि, पुतिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की वैधानिकता पर सवाल खड़े किए, यह कहते हुए कि उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। साथ ही, उन्होंने यूक्रेन के साथ युद्धविराम पर बातचीत को लेकर अपनी तत्परता भी जताई।