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'इस शासन का अंत ज़रूरी' – खामेनेई के भतीजे ने ईरानी सरकार पर किया तीखा हमला

 19 Jun 2025

ईरान और इज़राइल के बीच जारी युद्ध दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुका है, और इस बीच एक चौंकाने वाली प्रतिक्रिया ईरान के सत्ता प्रतिष्ठान के भीतर से सामने आई है, वह भी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के परिवार से। फ्रांस में निर्वासित जीवन जी रहे खामेनेई के भतीजे महमूद मोरदखानी ने एक साक्षात्कार में कहा कि वे युद्ध के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन उनका मानना है कि इस्लामिक गणराज्य का पतन ही क्षेत्र में स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।


मोरदखानी ने Reuters को दिए साक्षात्कार में कहा, “जो भी इस शासन को समाप्त कर सके, वह ज़रूरी है। अब जब हालात यहां तक पहुंच गए हैं, तो इसे पूरा करना ही होगा।” 1986 में ईरान छोड़ने वाले मोरदखानी लंबे समय से अपने चाचा के सत्तावादी शासन के आलोचक रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इज़राइल से टकराव दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह उस व्यवस्था की देन है जो न तो लोकतांत्रिक मूल्यों को स्वीकार करती है और न ही किसी प्रकार के सुधार को। उन्होंने कहा, “मुझे बेहद अफसोस है कि हालात इस मोड़ पर पहुंच गए हैं। लेकिन क्या खामेनेई की हत्या से यह शासन तुरंत गिर जाएगा? यह अलग प्रश्न है।”

मोरदखानी का मानना है कि अब केवल सत्ता परिवर्तन से ही ईरान को शांति की ओर ले जाया जा सकता है। “जितनी जल्दी यह शासन खत्म हो, उतना बेहतर होगा। यदि ऐसा नहीं होता, तो यह एक व्यर्थ पराजय होगी। और मैं अब भी मानता हूं कि यह शासन हर हाल में बदला लेने की कोशिश करेगा।” ईरान में इंटरनेट बंद होने के कारण वह अपने देशवासियों से सीधे संपर्क में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि “शासन की कमजोरी के संकेतों से कई ईरानी नागरिकों में आशा जगी है।”

इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की है। उन्होंने संकेत दिए कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो खामेनेई को निशाना बनाया जा सकता है। ट्रंप के करीबी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की योजनाओं को निजी तौर पर मंजूरी दे दी है, हालांकि अंतिम आदेश अभी नहीं दिया गया है। ईरान के पूर्व शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के बेटे रेज़ा पहलवी ने भी सत्तारूढ़ शासन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “खामेनेई अब किसी डरे हुए चूहे की तरह भूमिगत हो गए हैं। इस्लामिक गणराज्य अपने पतन की कगार पर है।” रेज़ा ने आगे कहा, “यह शासन अब ज्यादा दिन नहीं टिकेगा। जो शुरू हो चुका है, उसे रोका नहीं जा सकता। भविष्य उज्जवल है और ईरानी जनता इस ऐतिहासिक परिवर्तन की साक्षी बनने जा रही है। 46 वर्षों से जिस दमन की राजनीति जारी है, उसका अंत अब करीब है।”