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डंकी रूट से अमेरिका भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एजेंट की सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज।

 16 Jun 2025

सुप्रीम कोर्ट ने एक युवक को डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजने के नाम पर धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई की और आरोपी को अग्रिम जमानत देने से साफ इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति उज्जवल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने आरोपी पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि ऐसे लोगों के कारण भारतीय पासपोर्ट की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हो रही है और इसका महत्व घट रहा है। पीठ ने कहा कि आरोपी ने न सिर्फ पीड़ित युवक को धोखा दिया, बल्कि उसे अमानवीय परिस्थितियों में खतरनाक और गैरकानूनी यात्रा के लिए मजबूर किया। आरोपी ने पीड़ित को अमेरिका पहुंचाने का झांसा देकर उसे दुबई, पनामा और मैक्सिको के जंगलों से होते हुए अमेरिकी सीमा तक पहुंचाया, जहां अमेरिकी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।


एफआईआर के मुताबिक, हरियाणा निवासी ओमप्रकाश मुख्य आरोपी का सहयोगी था। उसने युवक को आश्वासन दिया था कि 43 लाख रुपये का भुगतान करने पर उसे वैध तरीके से अमेरिका भेज दिया जाएगा। युवक के पिता ने अपनी गवाही में बताया कि ओमप्रकाश ने उनसे 22 लाख रुपये की ठगी की। ओमप्रकाश ने मुख्य आरोपी की मदद करते हुए शिकायतकर्ता को सितंबर 2024 में दुबई भेजा। वहां से उसे पनामा के खतरनाक जंगलों के रास्ते मैक्सिको तक पहुंचाया गया। एक फरवरी 2025 को एजेंटों ने युवक को अमेरिकी सीमा पार कराई, लेकिन सीमा पर उसे अमेरिकी पुलिस ने पकड़ लिया। युवक को जेल भेज दिया गया और 16 फरवरी 2025 को उसे भारत वापस भेज दिया गया। 

पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी ने पहले भी ऐसे मामलों में लोगों को ठगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला केवल आर्थिक धोखाधड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानवाधिकारों का उल्लंघन भी शामिल है। पीठ ने कहा कि ऐसे लोग न केवल देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि निर्दोष लोगों को असुरक्षित और अमानवीय परिस्थितियों में डाल रहे हैं। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पहले ही ओमप्रकाश की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि आरोपी ने पीड़ित और उसके परिवार को गुमराह किया और उनके साथ धोखाधड़ी की। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में किसी भी आरोपी को राहत देना गलत होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि डंकी रूट जैसी अवैध गतिविधियों को खत्म करने के लिए कड़ी सजा और सतर्कता जरूरी है।