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PM मोदी का साइप्रस से संदेश: संघर्ष से नहीं, संवाद से सुलझें विवाद

 16 Jun 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइप्रस की राजधानी निकोसिया स्थित राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। वह साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे हैं। उल्लेखनीय है कि यह बीते दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा है, जो दोनों देशों के संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स के बीच हुई शिखर वार्ता के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को व्यापक बनाने, भूमध्यसागरीय क्षेत्र में स्थिरता और यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने पर विस्तृत चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा, “हमारा स्पष्ट मत है कि यह युद्ध का युग नहीं है। पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी संघर्षों को लेकर हम गहरी चिंता साझा करते हैं।”


प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए साइप्रस के समर्थन पर आभार जताया। उन्होंने यह भी कहा कि “भारत-साइप्रस-ग्रीस त्रिपक्षीय साझेदारी इस वर्ष शुरू की गई है, जो भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे को मजबूती देगी और क्षेत्र में शांति व समृद्धि को गति देगी।” वहीं, राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा सहयोग, संकट प्रबंधन, पर्यटन, नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में सहभागिता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा, “हम ठोस परिणामों के लिए मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं।”

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस की ओर से 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने इसे "भारत और साइप्रस की अटूट मित्रता का प्रतीक" बताते हुए कहा, “यह सम्मान मेरे नहीं, भारत के 140 करोड़ नागरिकों के सम्मान का प्रतीक है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में साइप्रस के सतत समर्थन की सराहना करता है। उन्होंने आतंकवाद, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी रोकने के लिए दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच रीयल-टाइम इंटेलिजेंस साझा करने के लिए एक तंत्र विकसित करने की घोषणा की। साइप्रस के राष्ट्रपति ने हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की और भारत के साथ एकजुटता दर्शाई। उन्होंने कहा, “हम दुख की इस घड़ी में भारत के साथ खड़े हैं। हमारे संबंध ऐतिहासिक, भरोसे पर आधारित हैं और लोकतंत्र, संवाद और अंतरराष्ट्रीय नियमों के सम्मान जैसे साझा मूल्यों से पोषित हैं।”