चीन बीते कुछ वर्षों से अपनी परमाणु शक्ति में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 2023 और 2024 के दौरान अपने परमाणु शस्त्रागार में 100 नए परमाणु वारहेड्स (हथियार) जोड़े हैं। वर्तमान में, चीन के पास कम से कम 600 परमाणु हथियार हैं, और यह संख्या जल्द ही 1000 तक पहुंचने की संभावना है। SIPRI ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक परमाणु हथियारों की स्थिति पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की।
SIPRI 2025 की रिपोर्ट में बताया गया है कि परमाणु हथियारों की वैश्विक दौड़ तेजी से खतरनाक हो रही है और आने वाले समय में यह स्थिति और अधिक भयावह हो सकती है। रिपोर्ट में SIPRI के निदेशक डैन स्मिथ ने परमाणु हथियार नियंत्रण के महत्व पर जोर देते हुए चेतावनी दी कि अगर इस दौड़ पर लगाम नहीं लगाई गई, तो इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं।
रिपोर्ट में नौ प्रमुख परमाणु संपन्न देशों का उल्लेख किया गया है, जिनमें अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल शामिल हैं। 2024 में इन सभी देशों ने अपने परमाणु कार्यक्रमों को न केवल जारी रखा बल्कि मौजूदा हथियारों को उन्नत करने के प्रयास भी किए।
चीन के बारे में रिपोर्ट ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि वह दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे तेजी से अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है। यह अनुमान है कि दशक के अंत तक चीन के पास रूस और अमेरिका के बराबर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) हो सकती हैं। हालांकि, 2035 तक चीन के पास लगभग 1500 परमाणु हथियार होने का अनुमान है, जो अभी भी रूस और अमेरिका के हथियारों की संख्या का केवल एक-तिहाई होगा।
वर्तमान में रूस के पास सबसे ज्यादा 5,459 परमाणु हथियार हैं, जबकि अमेरिका के पास 5,177 हथियार हैं।
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, रूस और अमेरिका मिलकर दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं।
इजरायल और उत्तर कोरिया जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण परमाणु संपन्न देशों पर भी रिपोर्ट में ध्यान दिया गया है। इजरायल के पास लगभग 90 परमाणु हथियार हैं, जबकि उत्तर कोरिया के पास 40 से 50 हथियार होने का अनुमान है।
भारत और पाकिस्तान को लेकर भी SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में महत्वपूर्ण बातें कहीं। भारत ने 2024 में अपने परमाणु हथियारों का विस्तार किया है और नई तरह की परमाणु प्रणाली विकसित करने पर काम कर रहा है। पाकिस्तान ने भी 2024 में अपने डिलीवरी सिस्टम को उन्नत करने के प्रयास जारी रखे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों का यह विस्तार न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता है। इन खतरों के मद्देनजर, विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट किया है कि परमाणु हथियारों की इस दौड़ को नियंत्रित करना बेहद आवश्यक है।